देहरादून: थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक की मौत मामले में पुलिस ने संचालक प्रशांत जुयाल सहित मनीष चौधरी, अजय शर्मा और मोहन थापा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. घटना की जांच में पुलिस को कई जानकारी मिली है. चंद्रबनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र न्यू आराध्या फाउंडेशन सोसाइटी के पिछले हिस्से में बने जिन कमरों में मरीजों को रखा जाता है, उन पर बड़े-बड़े ताले लटके हुए हैं. यहां खतरनाक किस्म के चार कुत्तों का पहरा भी बैठाया गया है.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को चंद्रबनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र न्यू आराध्या फाउंडेशन सोसायटी में भर्ती युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जिसके शव को कुछ कार सवार उसके घर के बाहर फेंक कर चले गए. युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने टर्नल रोड जाम कर आरोपी संचालक सहित अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. काफी समझाने के बाद लोगों ने सड़क से हटे. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. वहीं, परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र संचालक सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
वहीं, पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है. जानकारी अनुसार नशा मुक्ति केंद्र न्यू आराध्या फाउंडेशन सोसायटी के अंदर लोगों को भ्रमित करने के लिए बहुत से सर्टिफिकेट और स्टांप पेपर भी दीवार पर लगाए गए हैं. इस नशा मुक्ति केंद्र के दफ्तर में कई ऐसे कागज और सर्टिफिकेट हैं, जिनसे लोग आसानी से भ्रमित हो जाते हैं. यहां एक नामी डॉक्टर मनोचिकित्सक का पर्चा भी फ्रेम में लगाकर दीवार पर चिपकाया गया है. इस पर्चे पर डॉक्टर ने अपने यहां काम करने वाले कर्मचारी का चरित्र का प्रमाणन किया है.
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डॉक्टर का नाम देखकर लोगों को विश्वास हो जाता है कि शायद डॉक्टर ही उनके पैनल में शामिल हो, लेकिन यहां न तो कोई डॉक्टर आता था और न ही कोई मनोचिकित्सक आता था. नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह से युवक की मौत हुई है और उसके शरीर पर कई निशान मिले हैं, उससे तो लगता है कि नशा मुक्ति केंद्र संचालक नशा छुड़ाने के लिए मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं.
बता दे की यह नशा मुक्ति केंद्र आराध्या फाउंडेशन की यूनिट है, जिसे 2015 में बनाया गया था. इस नशा मुक्ति केंद्र में एक संस्था का सर्टिफिकेट भी यहां दीवार पर लगाया गया है. थाना क्लेमेंट टाउन प्रभारी सतेंद्र भाटी ने बताया नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह की जानकारियां मिली है. उसके आधार पर नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाने के लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. पुलिस और प्रशासन द्वारा इसे सील करने की कार्रवाई भी की जाएगी.