देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन यूकेडी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने सड़कों पर उतरी. मगर पुलिस ने उन्हें रिस्पना पुल पर ही रोक लिया. यूकेडी कार्यकर्ताओं ने भू-कानून, रोजगार जैसी तमाम मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
बता दें विधानसभा घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रिस्पना पुल के पास लगे बैरिकेडिंग पर रोका. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई. इस दौरान उक्रांद कार्यकताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे पार करने की कोशिश भी की. बाद में नारेबाजी करते हुए उक्रांद के कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ गए.
भू-कानून,बोराजगारी के मुद्दे पर UKD का हल्ला बोल पढ़ें-हरिद्वार में 10 साल की बच्ची ने खेल-खेल में लगाई फांसी, दम घुटने से मौत
राज्य के अस्तित्व के लिए भू कानून जरूरी: यूकेडी ने कहा कि राज्य बनने के 21 साल के बाद भी प्रदेश में एक सशक्त भू कानून नहीं बन सका है. जिसके चलते न सिर्फ भू माफिया के हाथों में राज्य की मूल पहचान जल, जंगल, जमीन जा चुकी है, वे बिना किसी रोक-टोक के इसका दोहन कर रहे हैं. जिसके कारण राज्यवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. ऐसे में सरकार को जल्द ही अध्यादेश लाकर वो कानून बनाना चाहिए ताकि राज्यवासियों के हितों की रक्षा की जा सके.
पढ़ें-पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने पहाड़ को दिया 'जीत का मंत्र', हिमालय के थे रक्षक
कांग्रेस-भाजपा ने उत्तराखंड की संस्कृति, स्वाभिमान को पूंजीपतियों को बेचा:यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां भू-माफिया के आगे नतमस्तक हैं. उन्होंने राज्य की बेशकीमती जमीन-जंगल का सौदा कर राज्य वासियों के साथ विश्वासघात का खेल खेला है. काशी सिंह ऐरी ने कहा दोनों ही पार्टियों ने न सिर्फ प्राकृतिक संपदा वाली जमीनों को लुटाया है, बल्कि राज्य की संस्कृति, पहचान और स्वाभिमान को भी पूंजीपतियों के हाथ बेच डाला है.
पढ़ें-जल-जंगल-जमीन के लिए जीते थे सुंदरलाल बहुगुणा, पहाड़ों की थी चिंता
इतना ही नहीं ऐरी ने कहा कि हमें मौजूदा भाजपा सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. यह सरकार न ही भू- कानून लागू करेगी और न ही बेरोजगारों को रोजगार व पलायन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कुछ करने वाली है. काशी सिंह ऐरी के मुताबिक यूकेडी की सरकार के खिलाफ यह हुंकार जनता जनार्दन को जागरूक करने के लिए की जा रही है. ताकि सब कुछ लुट जाने से पहले उत्तराखंड की जनता जाग सके.
पढ़ें-डिजिटल इंडिया में बिजली-सड़क को तरसता रुद्रप्रयाग का लिस्वाल्टा गांव
वहीं, यूकेडी के संरक्षक बीडी उनियाल ने कहा कि भू- कानून जैसे ज्वलंत मुद्दे को लेकर वह आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता के द्वार जाएंगे. राज्य की संस्कृति और अस्तित्व ही जब खतरे में आ गया है तो इसके लिए एक बड़ा आंदोलन होना आवश्यक है. बीडी उनियाल ने कहा भू-कानून को लेकर जिस तरह से भाजपा और कांग्रेस अपना लचर रवैया दिखा रहे हैं, वह आने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें बहुत भारी पड़ेगा.