ऋषिकेश:पद्मासन मंदिर के पहले वर्षगांठ को इंडोनेशियन डेलीगेट्स और परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया गया. पद्मासन मंदिर परमार्थ निकेतन आश्रम परिसर में मौजूद है. मंदिर की स्थापना भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए किया गया है. इस अवसर पर स्वामी चिदानंद ने कहा कि पद्यासन मंदिर की स्थापना एक प्रतीक मात्र नहीं है, बल्कि यह बालिनी संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण है. यह मंदिर भारत और इंडोनेशिया के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को नई पहचान दे रहा है. गंगा तट पर स्थित पद्यासन मंदिर के दर्शन के लिए इंडोनेशिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश आते है.
भारत और इंडोनेशिया के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत कर रहा यह मंदिर, मनाई गई पहली वर्षगांठ - भारत इंडोनेशिया के रिश्तों को मजबूत
पद्मासन मंदिर की प्रथम वर्षगांठ मनाई गई. मंदिर की स्थापना भारत और इंडोनेशिया के बाली के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए की गई थी.
पद्यासन मंदिर की पहली वर्षगांठ
यह भी पढे़ं-ऋषिकेश: होली के बाद गंगा में नहाने गए छात्र बहे, तलाश में जुटी एसडीआरएफ
इंडोनेशिया के इंद्र उदयन संस्थापक के अध्यक्ष के मुताबिक गंगा के पावन तट पर पद्यासन मंदिर की स्थापना से भारत-बाली संबंध पहले से और भी ज्यादा मजबूत हुए हैं.
Last Updated : Mar 11, 2020, 9:08 PM IST