देहरादून: प्रदेश में कोरोना महामारी को हराने के लिए पुलिस-प्रशासन लगातार जुटा हुआ है. उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक की तरफ से बीते 5 अप्रैल को सभी जमातियों से खुद सामने आकर सहयोग करने की अपील की गई थी. बावजूद जमात से जुड़ी जानकारी छुपाने वाली 5 महिलाओं पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसा गया है.
ये सभी जमाती महिलाएं हरिद्वार जिले के मंगलौर कस्बे की रहने वाली हैं. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में पांचों जमाती महिलाओं को कुछ रियायत देते हुए हत्या के प्रयास में मामला दर्ज नहीं किया गया. सभी महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 270, 336 और 51ख डिजास्टर एक्ट (आपदा प्रबंधन अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की है.
5 जमाती महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज. पढ़ें:आरोग्य सेतु एप डाउनलोडिंग में हिमाचल से आगे निकला उत्तराखंड, जानें आंकड़े
पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि 15 जनवरी 2020 को 10 सदस्य जमाती महिलाएं उत्तर प्रदेश के बहराइच, गोंडा, नेपालगंज और लखनऊ आदि स्थानों से होकर 20 फरवरी 2020 को वापस मंगलौर लौटी थीं. जिनमें से 5 महिलाओं ने खुद सामने आकर प्रशासन को पूरी जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने पांचों महिलाओं का मेडिकल चेकअप कराया.
वहीं, अन्य पांच महिलाओं ने जमात में जाने की बात छुपाते हुए पुलिस-प्रशासन से किसी प्रकार से भी संपर्क नहीं किया. इन महिलाओं ने न सिर्फ खुद की जान खतरे में डाली, बल्कि ये महिलाएं आस-पास के लोगों के लिए भी खतरा थीं. पुलिस ने पांचों महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मेडिकल चेकअप के बाद सभी को क्वारंटाइन कर दिया है.
हरिद्वार जिले के ही 8 पुरुष और 5 महिला जमातियों पर अब तक मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड पुलिस की चेतावनी के बावजूद जमात से जुड़ी जानकारी छुपाने वाले 8 तब्लीगी जमातियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत आईपीसी की धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया गया है. ये सभी पुरुष जमाती हरिद्वार जिले के लक्सर, रुड़की और ज्वालापुर क्षेत्रों के रहने वाले हैं.