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नए साल से बदल जाएंगे ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर - Financial Changes To Come Into Effect

नए साल (1 जनवरी 2022) में सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने जा (many rule change From new year 2022) रही है, जिसका असर सीधे अपने जीवन (Financial Changes From 1 January 2022) पर पड़ेगा. इन नियमों में बैंक से पैसा निकालने से लेकर जमा करने, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम हैं. जीएसटी कानून में बदलाव आ जाएगा. जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में भी कुछ बदलाव किए हैं. ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2022 से लागू होंगे. आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में...

Financial Changes
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Published : Dec 29, 2021, 8:05 AM IST

Updated : Dec 31, 2021, 6:51 PM IST

देहरादून:नए साल (1 जनवरी 2022) पर सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने जा (many rule change From new year 2022) रही है, जिसका असर सीधे अपने जीवन (Financial Changes From 1 January 2022) पर पड़ेगा. इन नियमों में बैंक से पैसा निकालने से लेकर जमा करने, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम हैं. जीएसटी कानून में बदलाव आ जाएगा. जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में भी कुछ बदलाव किए हैं. ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2022 से लागू होंगे. आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में...

ATM से कैश निकालना: नए साल के पहले दिन यानी एक जनवरी से एटीएम से कैश निकालना (Cash ATM Transaction) महंगा हो जाएगा. नए साल में एटीएम से मुफ्त निकासी की सीमा के बाद पैसे निकालने पर आपको अभी की तुलना में ज्यादा चार्ज देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून में ही शुल्क बढ़ाने की इजाजत दे दी थी. RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार एक्सिस बैंक या अन्य बैंक के एटीएम में मुफ्त सीमा से ऊपर का फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने पर 21 रुपये और GST देना होगा.

बदल जाएंगे डेबिट और क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करने का नियम: 1 जनवरी से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने का तरीका बदल जाएगा. दरअसल, ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों में बदलाव किया है. अब ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स भरनी होंगी. यानी अब ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट के दौरान मर्चेंट वेबसाइट या ऐप आपके कार्ड की डिटेल स्टोर नहीं कर सकते, जो पहले से सेव जानकारी होगी, वह हटा दी जाएगी.

GST कानून में बदलाव: नए साल में जीएसटी के गलत रिटर्न भरना महंगा पड़ने वाला है. जीएसटी अधिकारी एक जनवरी से गलत जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ वसूली के लिए सीधे कदम उठा सकेंगे.

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के नियम में बदलाव: इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (India Post Payments Bank -IPPB) के अकाउंट होल्डर्स को एक लिमिट से कैश निकालने और डिपॉजिट करने पर चार्ज देना होगा. यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा. IPPB में तीन तरह के सेविंग अकाउंट्स खोले जा सकते हैं, जिसमें कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के मुताबिक बेसिक सेविंग्स अकाउंट से हर महीने चार बार कैश निकालना फ्री है. लेकिन इसके बाद हर निकासी पर कम से कम 25 रुपये रुपये देने होंगे. हालांकि बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर पैसे जमा करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा.

बदल जाएंगे Google के नियम: गूगल प्ले स्टोर पर आपकी पेमेंट करने की कार्ड डिटेल सेव नहीं होगी, जो पहले से दर्ज जानकारी है, वो हट जाएगी. आपको पेमेंट करने के लिए फिर से अपनी जानकारी भरनी होगी.

LPG रसोई गैस सिलेंडर प्राइस: हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस की कीमतें तय होती है. इस बार देखना होगा कि 1 जनवरी 2022 को नये साल के दिन सिलेंडर की कीमतों में इजाफा होता है या नहीं.

जूतों और रेडीमेड गारमेंट पर भी देना GST:अगर आपका प्लान नए कपड़े और जूते खरीदने का है तो यह काम 1 जनवरी से पहले ही कर लेंगे तो फायदे में रहेंगे. क्योंकि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने विभिन्न प्रकार के कपड़ों, परिधानों और जूतों के लिए जीडीपी की दर को बढ़ा दिया है. पहले यह दर 5 फीसदी थी अब 12 फीसदी होगी. नई जीएसटी दर 1 जनवरी 2022 से लागू होगी. कुछ सिंथेटिक फाइबर और यार्न के लिए जीएसटी दरों को 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है.

ऑनलाइन ऑटो राइड भी देना होगा जीएसटी: स्टार्टअप द्वारा दी जाने वाली ट्रांसपोर्ट सर्विस पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. अगर ऑटोरिक्शा ड्राइवर सर्विस दे रहा ऑफलाइन मोड पर तो जीएसटी नहीं लगेगा.

ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने पर देना होगा GST: 1 जनवरी से स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ई-कॉम स्टार्टअप उनके द्वारा दी जाने वाली सर्विस पर जीएसटी लेंगे। उन्हें अब ऐसी सर्विस के लिए चालान सरकार को जमा करने होंगे। हालांकि, इससे अंतिम कस्टर्स यानी आपकी जेब पर बहुत अधिक बोझ नहीं पड़ेगा. अभी वही टैक्स रेस्टोरेंट ले रहा है. सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि बीते 2 सालों में खाने की डिलीवरी करने वाले ऐप्स 2000 करोड़ का खराब प्रदर्शन दिखा चुके थे. सरकार को लगता है कि ऐसा करने से टैक्स कलेक्शन बढ़ जाएगा.

Last Updated : Dec 31, 2021, 6:51 PM IST

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