ऋषिकेश :पंचायत जनाधिकार मंच उत्तराखंड के बैनर तले मंगलवार को एक सांकेतिक उपवास का आयोजन किया गया. यह आयोजन त्रिवेणी घाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्तंभ के समक्ष किया गया. जिसका उद्देश्य पंचायती एक्ट में हुए फेरबदल का विरोध है.
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इस मौके पर जोत सिंह बिष्ट ने बीजेपी से निष्कासित लोगों को पंचायत जनाधिकार मंच में शामिल होने का न्योता भी दिया. जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने पंचायतों के लिए जो संशोधित कानून बनाया है, उसके कारण कई हजार लोग क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायत के सदस्य के पदों पर चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं.
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जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड देश का अकेला राज्य बन गया है जिस में एक ही संस्था में चुनाव में दो नियम से कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस काले कानून के खिलाफ हम लोग हाइकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग पैरवी कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि निकट भविष्य में इन दोनों याचिकाओं पर उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन जिन 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव चल रहे हैं वहां के वोटरों को भी फैसला करने का अधिकार मिला है.
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इस अवसर पर बिष्ट ने कहा कि मतदाताओं को प्रतिनिधि का चुनाव सोच समझ कर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस उपवास कार्यक्रम के माध्यम से वे सभी मतदाता भाइयों व बहनों से अपील करते हैं कि पंचायतों को कमजोर करने वाली सरकार को करारा जवाब देने के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर मतदान करें.