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डोईवाला: बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किसानों का धरना-प्रदर्शन, सरकार को दी चेतावनी - गन्ना भुगतान को लेकर धरना-प्रदर्शन

डोईवाला शुगर मिल में गन्ने की पेराई सत्र को चले हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने का समर्थन मूल्य ही घोषित नहीं किया है, जिसको लेकर किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया.

Doiwala sugarcane farmer
डोईवाला किसान प्रदर्शन

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Published : Jan 8, 2021, 9:06 PM IST

डोईवाला:गन्ने के नए पेराई सत्र के बकाया भुगतान को लेकर किसानों ने डोईवाला शुगर मिल गेट पर धरना प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि डोईवाला शुगर मिल को शुरु हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है. साथ ही सरकार ने 15 दिन के भीतर गन्ने का बकाया भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने का समर्थन मूल्य ही घोषित नहीं किया है, जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है .

किसान रणजीत सिंह व किसान नेता मनोज नौटियाल ने बताया कि किसानों का आर्थिकी का एकमात्र जरिया गन्ने की फसल है. डोईवाला शुगर मिल में गन्ने की पेराई सत्र को चले हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने का समर्थन मूल्य ही घोषित नहीं किया है. सरकार ने 15 दिन के भीतर गन्ने के भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन अब डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत गया है, जिससे किसानों को अब आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि कानून के विरोध में किसानों की ट्रैक्टर रैली.

किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए डोईवाला शुगर मिल गेट पर सांकेतिक धरना दिया. साथ ही कहा कि अगर जल्दी ही उनके गन्ने का भुगतान का पैसा नहीं दिया गया, तो वे सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

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भारतीय किसान यूनियन ने निकाली ट्रैक्टर रैली

उधर, खटीमा में भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानून के विरोध में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया. रैली में लगभग 400 से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए. खटीमा की मंडी समिति से शुरू हुई रैली नानकमत्ता में खत्म हुई. इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष गुरुसेवक सिंह ने कहा कि देश की सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर तानाशाह रुख अख्तियार किये हुए है. अभी तक इस आंदोलन में 50 से अधिक किसान अपनी शहादत दे चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार तानाशाह तरीके से किसानों के आंदोलन को खत्म कराना चाह रही है.

उन्होंने कहा कि यह 26 जनवरी से पहले किसानों की ट्रैक्टर रैली का रिहर्सल था. अगर देश की सरकार ने किसान हित में तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया, तो 26 जनवरी को देश के किसान सड़कों को ट्रैक्टर रैली निकालकर पाट देंगे.

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