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उत्तराखंड के किसानों ने फूंका कैबिनेट मंत्री का पुतला, कृषि कानून के खिलाफ किया प्रदर्शन - उत्तराखंड में किसानों आंदोलन का समर्थन

कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पिछले 18 दिनों से किसान दिल्ली में डटे हुए हैं. वहीं, अब उत्तराखंड के किसान भी सड़कों पर उतर आए हैं. उत्तराखंड में सोमवार को किसानों अलग-अलग शहरों में कृषि कानूनों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन दिया.

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कृषि कानून के खिलाफ किया प्रदर्शन

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Published : Dec 14, 2020, 10:03 PM IST

देहरादून/हरिद्वार/यूएस नगर: गदरपुर में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष जीएस विर्क के नेतृत्व में किसानों ने उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उनका पुतला फूंका.

जीएस विर्क ने कहा कि मंत्री पांडेय बीजेपी कार्यकर्ताओं को किसानों की पगड़ियां पहनकर दिल्ली ले गए थे. जिससे ये दिखाया जा सके कि उत्तराखंड के किसान कृषि कानूनों के समर्थन में है, जबकि हकीकत में उत्तराखंड के किसान कृषि कानूनों के विरोध में हैं. कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के ऐसे कृत्य की निंदा करते हुए उनका पुतला फूंका गया है.

लक्सर में किसानों का विरोध प्रदर्शन

लक्सर क्षेत्र के किसानों ने सोमवार को गन्ना सहकारी समिति कार्यालय के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान नेता विशाल चौधरी ने कहा कि किसानों के साथ सरकार दुर्व्यवहार कर रही है. पीएम मोदी पूंजीपतियों को देखने का तो समय निकाल लेते हैं, लेकिन जो किसान पिछले 18 दिनों से दिल्ली में डटे हुए है उनकी सुध नहीं ले रहे.

सर्वजन स्वराज पार्टी के कार्यकर्ता पुलिस से भीड़े

कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करने की मांग को लेकर सर्वजन स्वराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजधानी देहरादून में सचिवालय कूच किया. हालांकि, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें सचिवालय से पहले ही रोक लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई थी.

वहीं, आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश पर उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष एसएस कलेर के नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिया नंबर 6 के पास चौराहे पर उपवास रखकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया.

रुद्रपुर में किसानों डीएम को सौपा ज्ञापन

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर रुद्रपुर के गांधी पार्क में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापत भी सौंपा. किसान यूनियन के जिला प्रवक्ता शीतल सिंह ने कहा कि जब तक तीनों काले कानूनों को सरकार वापस नहीं लेती है तब तब उनका प्रदर्शन चलता रहेगा.

रामनगर तहसील में किसानों का प्रदर्शन

रामनगर तहसील परिसर में किसान संघ के बैनर तले सैकड़ों किसान ने सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कृषि कानूनों को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है. किसान संघ के अध्यक्ष दीवान कटारिया ने कहा कि इस काले कानून से किसान को किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि इस कानून का पूरा फायदा अंबानी और अडानी को मिलेगा. सरकार को इस काले कानून को वापस लेना होगा. यदि सरकार इसे वापस नहीं लेगी तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए भी मजबूर होंगे.

रुड़की में प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव किया

रुड़की तहसील में भी उत्तराखंड किसान मोर्चा के किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. उत्तराखंड किसान मोर्चा के सात किसानों ने एक दिन का उपवास भी किया था. उत्तराखंड किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि बीजेपी नेता चुनाव के समय किसानों को अन्नदाता कहते हैं और अब उन्हें आतंकी बता रहे हैं. उत्तराखंड का किसान पूरी तरह से किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ है. जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी किसान सड़कों पर डटे रहेंगे.

पिथौरागढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन

पिथौरागढ़ में कांग्रेसियों ने डीएम कार्यालय के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को किसान विरोध बताया. कांग्रेस के प्रवक्ता मथूरा दत्त जोशी ने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में एकाधिकार को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को खेती छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा. सरकार तानाशाही पर उतर आई है और किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है.

चंपावत में कांग्रेसियों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन

किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेसियों ने सोमवार को एक ज्ञापन एसडीएम को सौपा. इस दौरान उन्होंने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया.

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