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दुकान तमाम है, लेकिन थानी भाई के ' फायर पान' का अपना नाम है... - थानी भाई का फायर पान

कानपुर देहात के अकबरपुर में थानी भाई का है. जी हां दुकान तमाम है, लेकिन थानी भाई का अपना नाम है, जो एक बार इनका पान खाता है, वो सुबह से शाम यहीं नजर आता है.

पान

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Published : Nov 18, 2019, 8:13 AM IST

कानपुर देहात:दुकान तमाम है, लेकिन थानी भाई के पान का अपना नाम हैवैसे तो बनारस का पान बेहद मशहूर है, लेकिन फायर पान की बात करें तो राजस्थानी पान भी किसी से कम नहीं है. ऐसा ही पान इन दिनों कानपुर देहात के अकबरपुर में थानी भाई का फायर पान काफी चर्चा में है, जो अपने रसगुल्ला और फायर पान के लिए मशहूर है.

थानी भाई के फायर पान

आखिर क्या खूबी है थानी भाई के फायर पान
दिन पर दिन लोगों के बीच थानी भाई का पान मशहूर होता जा रहा है. सरकारी महकमे के अफसर हो या स्थानीय लोग सब इस फायर पान को खाने के लिए थानी भाई की छोटी सी गुमटी पर लाइन लगाते हैं. आखिर क्या खूबी है थानी भाई के इस रसगुल्ले और फायर पान की आखिर हजारों लोग रोज इस पान को खाने के लिए लोग लाइन लगाते हैं. थानी भाई की दुकान सूरज की पहली पहर में खुलती है और देर रात 2-3 बजे तक बंद होती है, लेकिन थानी भाई के पान दिवानों की लाइन न रात में कम होती है और न ही रात की चांदनी में.

थानी भाई पान वाले
हालांकि क्षेत्री लोगों की मानें तो अकबरपुर में काफी समय से थानी भाई का पान तेजी से मशहूर होता चला आ रहा है, लेकिन जैसे-जैसे थानी भाई अपने पान में नए-नए अंदाज से लोगों को पान खिला रहे हैं, वैसे-वैसे अकबरपुर क्षेत्र में इनके पान को लेकर लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. लोग रोजमर्रा की जिंदगी में सब कुछ भूल जाएं, लेकिन थानी भाई का पान खाना नहीं भूलते. इनके पान खाने वालों की बेहद लंबी लाइन सुबह से लेकर शाम तक लगी रहती है. ये क्षेत्र में थानी भाई पान वाले के नाम से मशहूर है.

थानी भाई ने बताया अपने फायर पान के बारे में
ईटीवी भारत की टीम ने थानी भाई के पान की खासियत जानी तो उनका साफ तौर से कहना था कि वह एक नंबर का पान बेचते हैं. पान उनका इसलिए मशहूर है क्योंकि पान में रसगुल्ला मिलाते हैं. पान विक्रेता राजस्थानी फायर पान की भी क्षेत्रीय लोगों में काफी डिमांड है, जिसके चलते दिन पर दिन थानी भाई पान वाले अकबरपुर के साथ-साथ पूरे जनपद में मशहूर होते चले जा रहे हैं. लोग इनके पान के दीवाने हैं. भले वह सरकारी महकमे के अफसर हो या वकील स्थानीय लोगों को भी इनके पान की बड़ी लत लगी हुई है.

क्यों है पान की मान्यता
पाने खाने की वजह यह बताई जाती है कि पान खाना संपन्नता की निशानी है. आयुर्वेद में तुलसी के कई फायदे बताए गए है, लेकिन आज कल उनके मायने बदल गए हैं. आम तौर पर लोग पान सौकिया तौर पर खाते हैं.


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