ऋषिकेश:4 साल पहले एक सरोगेसी मामले में सरोगेट मदर ने धोखाधड़ी करते हुए एक बच्चे को अलग जगह छुपा दिया था. धोखाधड़ी का शिकार हुए दंपति ने पुलिस से इस मामले में शिकायत की थी. चार साल बाद माता-पिता अपने बिछड़े बच्चे से मिल पाए हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दूसरे बच्चे को सकुशल मेरठ से बरामद कर माता-पिता को सौंप दिया है.
सरोगेसी के नाम पर धोखाधड़ी की ये बुनियाद 4 साल पहले रखी गई थी. ऋषिकेश के आशुतोष नगर के रहने वाले एक व्यक्ति ने मेरठ की रहने वाली एक महिला को सरोगेट मदर के रूप में हायर किया था. सरोगेट मदर की शुरुआती जांच मेरठ के ही एक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में कराई गई. अल्ट्रासाउंड में दंपति को पता चला कि बच्चे जुड़वाहैं. महिला का मेरठ के टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में इलाज चल रहा था कि तभी अचानक वो गायब हो गई.
चार साल बाद मिले जुड़वां भाई पढ़ें-'उत्तराखंड बीजेपी में नो वैकेंसी, मौजूदा सांसद ही हैं दावेदार'
कुछ समय बाद वो दंपति से मिलती है और उन्हें बताती है कि जुड़वां बच्चे पैदा हुए थे लेकिन डिलीवरी के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई और एक बच्चा वो दंपति को सौंप देती है.
हालांकि, शक के आधार पर दंपति ने अपने स्तर पर सच्चाई जानने की कोशिश की तो पता चला कि दोनों बच्चे स्वस्थ पैदा हुए थे. पुलिस में शिकायत दर्ज की गई. जांच में पता चला कि लगभग एक साल पहले भी आरोपी महिला धोखाधड़ी के आरोप में जेल जा चुकी थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुये बीते रोज मेरठ से दूसरे बच्चे को भी बरामद कर लिया है. इस मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है.
एसपी देहात प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने बताया कि बच्चे को खोज निकालने के लिए पुलिस टीम ने कड़ी मेहनत की है. पीड़ित परिवार ने अपने दूसरे बच्चे के लिए 4 साल का लंबा इंतजार किया लेकिन अब दोनों बच्चों के मिलने पर परिवार काफी खुश है. वहीं जब दोनों जुड़वाबच्चे मिले तो उनकी खुशी देखते ही बन रही थी.