देहरादूनःउत्तराखंड में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और चंपावत जिले में फैब्रिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी करने जा रहा है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने चारों जिलों के जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगा है. जिसे एक बार फिर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. हालांकि कुमाऊं मंडल के मरीजों का सर्वाधिक भार हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पर ही रहता है, लेकिन इस अस्पताल में बच्चों के लिए बेड की संख्या काफी कम है.
सुशीला तिवारी अस्पताल में बच्चों के लिए 60 बेड का वॉर्ड है. 20 के करीब SNCU (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) है. यही नहीं, महिला अस्पताल हल्द्वानी में 12 बेड का PICU (पैडक्टिक इंटेंसिव केयर यूनिट) है. इसके साथ ही DRDO की ओर से 500 बेड का फैब्रिकेटेड अस्पताल बन रहा है. जिसमे 75 ऑक्सीजन और 50 आईसीयू बेड बच्चों के लिए होंगे. निजी अस्पतालों में केएचआरसी में 8 बेड का एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) है, जबकि सेंट्रल अस्पताल में 5 बेड का PICU (पैडक्टिक इंटेंसिव केयर यूनिट) और 5 बेड का एनआईसीयू है. साथ ही बच्चों के लिए दो वेंटीलेटर है.
4 जिलों में 112 बच्चे संक्रमित
प्रदेश के इन 4 जिलों उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और चंपावत में अभी तक 112 बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि, इन 112 बच्चों में नवजात शिशु के साथ ही 2 साल के बच्चे भी शामिल हैं. ऐसे में सरकार कोशिश कर रही है कि जिन जिलों में बच्चों के संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं, उन जिलों में फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाए जाए. ताकि कोरोना संक्रमित बच्चों को, बाकी कोरोना संक्रमित मरीजों से अलग रखा जा सके.