देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में वैसे तो हर जगह प्रकृति ने अपनी अनुपम छटा बिखेर रखी है, जिसे देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में देश और विदेश से सैलानी पहुंचते हैं. लेकिन अभी हम उत्तराखंड की जिन जगहों की बात कर रहे हैं, वहां बहुत ही कम सैलानी जाते हैं.
हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के उन झरनों की जिन्हें आपको एक बार जरूर देखना चाहिए. प्राकृतिक सुंदरता और पानी के झरने आप को आनंदित कर देंगे. आज हम आपको उत्तराखंड के उन चुनिंदा वाटर फॉल्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आकर आप अपनी छुट्टियों का भरपूर आनंद ले सकते हैं. उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं में ऐसे कई प्राकृतिक झरने हैं, जिन से निकलता ठंडा पानी आपके टूर को यादगार बना देगा.
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देहरादून का शिखर फॉल:सबसे पहले बात करते हैं उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिखर फॉल की, जो देहरादून जिले में स्थित है. आप यदि देहरादून से मसूरी की तरफ जा रहे हैं तो आप शिखर फॉल का आनंद ले सकते हैं. यह झरना देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर है. अगर आप बस या रेल से देहरादून पहुंचते हैं, तो शिखर फॉल की दूरी वहां से 15 से 20 किमी पड़ेगी. आपको कार या बाइक से शिखर फॉल जाने में 30 से 40 मिनट लग सकते हैं. मसूरी की पहाड़ियों की निकलता ये झरना आपको गर्मियों में बहुत सुकून देगा. शिखर फॉल देहरादून में राजपुर के केरावा गांव में है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सबसे शानदार झरना शिखर फॉल झड़ीपानी झरना: देहरादून मसूरी रोड पर ही एक और झरना है, जिसका नाम है झड़ीपानी. आप भी जब कभी देहरादून या मसूरी आएं तो झड़ीपानी जरूर जाएं. यहां प्रकृति ने अपनी बेशुमार नेमत बरसाई है. ये झरना मसूरी से मात्र 8 किमी दूर है. यहां पहुंचने के लिए आपको छोटा सा पैदल ट्रेक भी करना पड़ेगा. झड़ीपानी में नहाने के बाद आप यहां गरमा-गरम चाय और मैगी का भी आनंद ले सकते हैं.
झड़ी पानी मसूरी के पास एक खूबसूरत झरना है. पढ़ें--बारिश ने पहाड़ों की खूबसूरती में लगाए चार चांद, जल स्रोत भी हुए रिचार्ज मौसी फॉल्स: अगर आपको प्रकृति की खूबसूरती का बेहद करीब से लुत्फ उठाना है तो आपके लिए सबसे बढ़िया जगह मौसी वाटर फॉल्स है. प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मौसी वाटर फॉल्स आपकी सारी थकान दूर कर देगा. इस फॉल के बीचों-बीच भगवान शिव का मंदिर भी है. मौसी फॉल्स भी मसूरी के करीब 7 किमी दूर है.
गरुड़ चट्टी झरना: यदि आप ऋषिकेश घूमने का प्रोगाम बना रहे हैं तो यहां भी आपको कई ऐसे झरने से देखने को मिल जाएंगे, जिनके बारे में आपने बहुत कम सुना होगा. ऋषिकेश वैसे तो राफ्टिंग और कैंपिंग के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा भी आप यहां पर कुछ और एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो ऋषिकेश के आसपास भी झरनों की एक दुनिया है, जहां आप प्रकृति का पूरा आनंद ले सकते हैं.
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ऋषिकेश के पास हम जिस झरने की बात कर रहे हैं वो है गरुड़ चट्टी झरना. यहां आप प्रकृति के बीच अच्छा समय बिता सकते हैं. दूध की तरह निकलता झरने का पानी आपको यहां से जाने नहीं देगा. गरुड़ चट्टी झरना ऋषिकेश आने वाले विदेशी सैलानियों की पहली पंसद बनता जा रहा है. गरुड़ चट्टी झरना पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से पहुंचने में 20 से 30 मिनट लग सकते हैं.
चकराता का टाइगर वाटर फॉल:देहरादून जिले में ही एक और वॉटर फॉल है, जो प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. प्राकृतिक दृश्यों से सराबोर ये फॉल बेहद खूबसूरत है. भीषण गर्मी में यहां का ठंडा पानी सैलानियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. टाइगर वाटर फॉल का साफ पानी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
टाइगर फॉल देहरादून में चकराता की खूबसूरत वादियों में है. टाइगर वाटर फॉल देहरादून जिले के चकराता में पड़ता है. टाइगर वाटर जाने के लिए आपको करीब एक किमी का पैदल ट्रेक करना होगा. देहरादून से चकराता की दूरी करीब 60 किमी है. पहाड़ी रास्ता होने की वजह से आपको देहरादून से चकराता जाने में करीब दो घंटे लग सकते हैं.
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बदरीनाथ धाम के पास चमत्कारी झरना: यदि आप इस सीजन में चारधाम यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको बदरीनाथ धाम के पास स्थित एक चमत्कारी झरने के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका आध्यात्मिक रूप से भी बहुत महत्व है. जिस झरने की हम बात कर रहे हैं, वो बदरीनाथ धाम से करीब 8 किमी दूर है. इस झरने का नाम है वसुंधरा झरना. वसुंधरा झरने तक पहुंचने के लिए आपको करीब 8 किमी को पैदल ट्रेक करना पड़ेगा.
बदरीनाथ धाम के पास इस झरने को वसुंधरा के नाम से जाना जाता है वसुंधरा झरना करीब 400 फीट की ऊंचाई से गिरता है. वसुंधरा झरने से कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि इस झरने की बूंदें पापी व्यक्ति पर नहीं गिरती हैं. यदि आप भी बदरीनाथ धाम जा रहे हैं तो वसुंधरा जाना न भूलें. ऐसी मान्यता है कि यह जल सीधे स्वर्ग से आ रहा है.
कुमाऊं में झरनों का भंडार: गढ़वाल के अलावा कुमाऊं में कई ऐसे ही झरने हैं, जिनके बारे में आप ज्यादा नहीं जानते हैं. पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुनस्यारी को झरनों का भंडार कहा जाता है. मुनस्यारी के पास ही एक बड़ा ही सुंदर वाटर फॉल है, जिसका नाम है चिनेश्वर. चिनेश्वर वाटर फॉल ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है. खास बात है कि आप इस झरने के आसपास स्टे भी कर सकते हैं. चिनेश्वर वाटर फॉल करीब 160 फीट की ऊंचाई से गिर रहा है. इसके अलावा पिथौरागढ़-मुनस्यारी मार्ग पर किट्टी वाटर फॉल भी पड़ता है, जिसे महादेव झरना भी कहा जाता है.
भालू गाड़ झरना: कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में एक और झरना पड़ता है, जिसे भालू गाड़ वॉटर फॉल कहते हैं. भालू गाड़ झरना मुक्तेश्वर के पास कसियालेख से धारी जाने वाले रास्ते पर पड़ता है. ये मुक्तेश्वर से करीब 6 किमी दूर है. भालू गाड़ झरना जाने के लिए आपको करीब दो किमी पैदल चलना पड़ेगा.