देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से गुरुवार को गैरसैंण के भराड़ीसैण स्थित विधान भवन में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया. इस वित्तीय वर्ष के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से 57 हजार 400 करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया गया. जिसमें सरकार ने युवाओं के साथ ही किसानों और प्रदेश के हर नागरिक को लुभाने का पूरा प्रयास किया है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर वास्तव में यह बजट जनता के लिए कैसा है.
पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की जनता के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत का 57 हजार करोड़ का यह बजट किस तरह का है. इस बात को बेहतर तरह से समझने के लिए ईटीवी भारत ने देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह से खास बातचीत की. डॉ. सुशील कुमार ने इस बजट को साल 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया बजट करार दिया है, जो दिखने में तो बेहद ही लुभावना है लेकिन वास्तव में जनता के हाथ इस बजट से बहुत कुछ नहीं लगने वाला.
सुशील कुमार कहते हैं कि सरकार 57 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट तो जरूर ले आई है, लेकिन इस बजट से ही सरकार को कुछ ऐसे खर्च है, जिन्हें टाला नहीं जा सकता. उदाहरण के तौर पर इस बजट से सरकार को 16 हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन में खर्च होंगे. वहीं, 64 सौ करोड़ की धनराशि प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन में खर्च होनी है.