उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

एक्सपर्ट से जानें मदन कौशिक और आदेश चौहान के नए पदों के मायने, BJP बोली- नित नूतन, चिर पुरातन

हरिद्वार विधायक मदन कौशिक और रानीपुर विधायक आदेश चौहान उत्तराखंड कैबिनेट में स्थान पाने के सपने देख रहे थे. लेकिन ये सपना टूट गया लगता है. बीजेपी ने मदन कौशिक को राष्ट्रीय कार्यसमिति में भेजा है तो आदेश चौहान को मुख्य सचेतक बना दिया है. दोनों के नए रोल को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय और क्या कहती है बीजेपी, पढ़िए ये खास खबर.

BJP News
बीजेपी समाचार

By

Published : Dec 9, 2022, 12:56 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 1:09 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार को लेकर रोजाना कुछ ना कुछ खबरें बाहर आती रहती हैं. लेकिन बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने यह साफ कर दिया था कि संभवत: जनवरी महीने में धामी सरकार की कैबिनेट का विस्तार होगा. इसकी उम्मीद हरिद्वार जिले के विधायक भी कर रहे थे. उत्तराखंड के सबसे बड़े जिलों में से एक हरिद्वार में रानीपुर से विधायक आदेश चौहान और हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक के साथ-साथ रुड़की से विधायक प्रदीप बत्रा को प्रबल दावेदार माना जा रहा था. लेकिन बीते दिनों हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक को राष्ट्रीय कार्यसमिति में भेजकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल मंत्रियों के नामों की लिस्ट में उनका नाम नहीं है.

वहीं अब रानीपुर से विधायक आदेश चौहान को मुख्य सचेतक बनाकर पार्टी ने कहीं ना कहीं यह संदेश भी दे दिया है कि आदेश चौहान को भी जिम्मेदारी दे दी गई है. अब सवाल यह खड़ा होता है कि अगर यह दोनों पुराने नेता और अनुभवी विधायकों को जिम्मेदारी नहीं मिलने जा रही है तो क्या प्रदीप बत्रा को हरिद्वार से यह जिम्मेदारी मिल सकती है. बहरहाल यहां ये कयास बाजी है, हकीकत यही है यह दोनों नेता पार्टी के इस फैसले से ज्यादा खुश नहीं होंगे.

आदेश को दिए पद के क्या मायने: आदेश चौहान के समर्थक और राजनीति के जानकार यही मान रहे थे कि आदेश चौहान को इस बार कैबिनेट में मौका दिया जा सकता है. लम्बे समय से खाली पड़े मंत्री पदों की बात जब जब हुई मदन और आदेश का नाम तब तब खूब चर्चा में रहा. आदेश हरिद्वार की रानीपुर विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक हैं. उन्हें काफी शांत विधायकों की श्रेणी में रखा जाता है. लेकिन संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जैसे ही उनके नाम की घोषणा की तो शायद ही कोई समर्थक होगा जिसे ख़ुशी हुई होगी. वरना बीजेपी में तो छोटा सा पद मिल जाने के बाद नेता और समर्थक सड़क से सोशल मीडिया तक खूब जश्न मना लेते हैं. लेकिन आदेश चौहान के मामले में ऐसा नहीं हुआ. आदेश चौहान को पार्टी ने विधानमंडल दल का मुख्य सचेतक बनाया है. यानी वो विधायकों में अनुशासन बना रहे और सदन के अंदर व्हिप जारी करने के लिए एक विधायक को नियुक्त करती है ये जिम्मेदारी आदेश को दी गई.

क्या कहते हैं राजनीति के जानकार: आदेश चौहान के मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय कहते हैं कि आदेश चौहान कैबिनेट में आएंगे या नहीं ये अलग बात है, लेकिन 57 विधायकों में से किसी एक को जिम्मेदारी देना ये बड़ी उपलब्धि है. हां इतना जरूर है कि पार्टी शायद अब उन्हें मंत्रालय में ना रखे. लेकिन ये बीजेपी है. कुछ भी किसी के लिए कहा नहीं जा सकता है. इसलिए बीते दिनों हरिद्वार में जो कुछ भी हुआ है, वो बहुत आश्चर्यजनक है.

मदन कौशिक को लेकर संदेश: सबसे पहले मदन कौशिक को उत्तराखंड की राजनीति से अलग करके पार्टी ने एक संदेश भी दिया है. कौशिक की भूमिका कार्यसमिति में क्या होगी, इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कार्यकारणी और कार्यसमिति में बहुत अंतर है. हां कार्यकारणी में भी अगर पद मिलता तो बात अलग थी. लेकिन कार्यसमिति और वो भी विशेष आमंत्रित सदस्य सिर्फ नाममात्र का है. क्योंकि ना तो वो ऐसे में और सदस्य की तरह वोट कर सकते हैं और ना ही अन्य सदस्य की तरह कोई फैसला ले सकते हैं. हां वो बस चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं, जो पार्टी के अंदर होती है. बीजेपी की कार्यसमिति में 150 से अधिक सदस्य हैं. अब इस पद का अंदाज़ा इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाया, तब एक अलग जश्न का कार्यक्रम रखा गया. वो मंत्री बने तो जगह जगह उनके सम्मान में कार्यक्रम हुए. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है. क्योंकि कौशिक भी जानते हैं कि ये पद उनके कद का तो बिलकुल नहीं है.

बीजेपी बोली पुरानों को सम्मान नए को काम: दोनों ही नेताओं को दिए गए पद को लेकर हमने जब बीजेपी नेता अभिमन्यु से बात की तो उन्होंने कहा कि बीजेपी बड़ी पार्टी है. यहां सब का सम्मान होता है. एक कहावत है कि "नित नूतन चिर पुरातन" यानी जो पुराने हैं, उनका सम्मान यहां होता है और जो नए आ रहे हैं उन्हें काम दिया जाता है. रही बात आदेश चौहान की तो उन्हें पार्टी ने सभी विधायकों में से अलग समझा है. इसलिए जिम्मेदारी दी है. मदन कौशिक अब तक मंत्री रह चुके हैं. विधायक हैं. अध्यक्ष रह चुके हैं. इससे ऊपर और क्या बचता है. इसलिए पार्टी उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें ये सम्मान दे रही है. उम्मीद है कि आगे भी कुछ ना कुछ पार्टी जरूर अच्छा करेगी.
ये भी पढ़ें:अब पौराणिक मंदिरों के दर्शन कराएगी उत्तराखंड सरकार, प्लान है तैयार

वैसे हरिद्वार में राजनीति के नए नए समीकरण रोज बनते दिखाई दे रहे हैं. कल तक जो स्वामी यतीश्वरानंद चुनाव हारने के बाद भी लगातार देहरादून में सीएम के साथ दिखाई देते थे, अब वही स्वामी और सीएम बहुत कम एक साथ दिखाई देते हैं. निशंक खेमे के जो विधायक एक साथ रहते थे, वो भी अलग थलग से दिखाई देने लगे हैं. वहीं पूर्व विधायकों ने अपना एक अलग संगठन खड़ा करके राजनीति में नए शिगूफो को हवा अलग से दे रखी है.

Last Updated : Dec 9, 2022, 1:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details