देहरादूनःउत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला काफी चर्चा में रहा है. अब इन नियुक्तियों की जांच और भविष्य में सुधार के लिए सुझाव देने वाली विशेषज्ञ समिति ने अहम सुझाव दिए हैं. समिति ने उत्तराखंड विधानसभा में सूचना का अधिकार लागू करने की व्यवस्था मजबूत करने समेत 15 सुझाव दिए हैं. इसका खुलासा नदीमउद्दीन की सूचना का अधिकार अपील के बाद विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से हुआ है.
दरअसल, काशीपुर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट नदीमउद्दीन ने अपने सूचना प्रार्थना पत्र से विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधानसभा में नियुक्तियों के परीक्षण के संबंध में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और इस पर कार्रवाई की सूचना मांगी थी. पहले तो इस सूचना प्रार्थना पत्र का उत्तर ही नहीं दिया गया. जब नदीम ने पहली अपील की तो विशेषज्ञ समिति की 217 पृष्ठों की रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई.
वहीं, 6 जनवरी को लोक सूचना अधिकारी/अनु सचिव मनोज कुमार ने अपने पत्रांक 28 में उत्तर उपलब्ध कराया. नदीम को उपलब्ध रिपोर्ट के अध्ययन से स्पष्ट है कि विशेषज्ञ समिति ने नियुक्तियों की वैधता आदि पर सुझाव के अतिरिक्त विधानसभा में भविष्य में सुधार के लिए 15 सुझाव भी दिए हैं. इन सुझावों में क्रमांक 12 पर विधानसभा सचिवालय में सूचना के अधिकार अधिनियम को लागू करने की व्यवस्था मजबूत करने का सुझाव है. ताकि, कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सके.
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पूर्व आईएएस दिलीप कोटिया (अध्यक्ष), सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल की विशेषज्ञ समिति ने भविष्य में सुधार के लिए सुझाव दिए हैं. जिसमें सूचना अधिकार को मजबूत करने से लेकर अन्य सुझावों में विधानसभा के प्रमुख सचिव पद पर न्यायिक सेवा के अनुभवी एवं योग्य अधिकारी की नियुक्ति, पदों की आवश्यकता का निरीक्षण कर विधानसभा सचिवालय के संगठनीय ढांचे की राइट साइजिंग के लिए जल्द कार्रवाई, रिक्त पद को लोक सेवा आयोग या अन्य कोई राजकीय प्रतिष्ठित संस्था से भर्ती कराने को कहा है.