देहरादून: सचिवालय मीडिया सेंटर में GeM या गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ऑनलाइन पोर्टल के संबंध में एक विक्रेता संवाद कार्यक्रम (vendor interaction program) का आयोजन किया गया. इसमें इस पोर्टल के संबध में तमाम जानकारी दी गई. साथ ही इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड विक्रेताओं ने भी अपने अनुभव साझा किये. बताया गया कि वित्त वर्ष 2021-22 में जेम ने खरीद मूल्य के 1 लाख करोड़ रुपये के व्यापार मूल्य की उपलब्धि को पार कर लिया है. कुल मिलाकर GeM ने 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 1 करोड़ से अधिक लेनदेन को पार कर लिया है.
GeM यानी गवर्मेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM or Government e Marketplace Online Portal) देश के पब्लिक बायर और सेलर ईको सिस्टम में हितधारकों के रूप में विक्रेताओं के एक बड़े समूह को प्रभावित करने में सक्षम है. ऐसा पिछले कुछ समय में GeM पर हुए ट्रांजेक्शन से साबित हुआ है. इसी को देखते हुए GeM विक्रेताओं के साथ संवाद स्थापित करने और उन्हें इस नई गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस की सुविधाओं और कार्यात्मकताओं के बारे में जागरूक करने के लिए एक अखिल भारतीय 'विक्रेता संवाद' का कार्यक्रम किया जा रहा है. जिसके तहत सचिवालय मीडिया सेंटर में एक संवाद कार्यक्रम रखा गया. जिसमें GeM उत्तराखंड के नोडल अधिकारी, उप निदेशक कोषागार विक्रम सिंह शामिल हुए. उन्होंने GeM विक्रेताओं के साथ साथ मीडिया के सामने इस सरकारी ऑनलाइन पोर्टल के बारे में जानकारी दी और उसकी खूबियां भी बताई.
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क्या है GeM:देश का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेम) वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए प्रारंभ से अन्त तक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है. इसे 9 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री के विजन के रूप में लॉन्च किया गया था. जेम को सार्वजनिक खरीद को पुनः परिभाषित करने के लिए जाना जाता है. यह सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है. जेम सम्पर्कविहीन, पेपरलेस और कैशलेस है और यह तीन स्तंभों दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता पर खड़ा है.
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