देहरादून: उत्तराखंड पूर्व विधायक संगठन ने अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए यमुनोत्री विधानसभा के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत को संगठन में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. जबकि झबरेड़ा से पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल को महामंत्री बनाया गया है. इस दौरान पूर्व विधायक संगठन के अध्यक्ष लाखीराम जोशी ने 15 सूत्रीय मांगों को उठाया. उन्होंने कहा तीन दिन पहले पूर्व विधायक सम्मेलन में लिए गए सुझाव सरकार को सौंपे गए हैं.
लाखीराम जोशी ने कहा 15 बिंदुओं को लेकर सरकार को सुझाव भेजे गए हैं. साथ ही उन्होंने पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई. उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों को विभिन्न आयोगों, सार्वजनिक निगमों, प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति दिए जाने की परंपरा सी बन गई है. जिसके परिणाम स्वरूप अधिकारी कभी भी सेवानिवृत्त नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश हित में यह परंपरा समाप्त होनी चाहिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पूर्व जनप्रतिनिधियों को समाहित किया जाना चाहिए.
उत्तराखंड पूर्व विधायक संगठन का कहना है कि सरकारी और निजी संस्थानों में विभिन्न रिक्त पदों पर आउटसोर्सिंग एजेंसियों को बिचौलिया बनाकर गड़बड़ी की जा रही है. जिससे नियुक्ति पाने वाले युवाओं को मिलने वाले वेतन का अधिकतर हिस्सा बिचौलिया बनी आउटसोर्स एजेंसी खा जा रही है. ऐसे में यह परंपरा भी समाप्त की जानी चाहिए और सीधी भर्ती की न्याय संगत व्यवस्था अपनाई जानी चाहिए.
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