देहरादूनःदिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में सात साल, तीन महीने से ज्यादा समय के बाद आखिर इंसाफ हो गया है. तमाम कानून दांव-पेंच के बाद निर्भया के चारों दोषियों को आज तड़के 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया. जिसके बाद पूरे देशभर से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इसी कड़ी में निर्भया के डॉक्टर रहे डॉ. विपुल कंडवाल ने ईटीवी भारत ने खास बातचीत कर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए डॉ. विपुल कंडवाल ने बताया कि सफदरगंज अस्पताल की वो रात उनके जीवन की एक ऐसी रात है, जिसे वो कभी नहीं भुला सकते हैं. जो एक भयावह मंजर जैसा था. उन्होंने कहा कि निर्भया को इलाज के लिए सफदरगंज अस्पताल लाया गया था. उसकी हालत देखकर उनका कलेजा कांप उठा था. निर्भया को देखकर ऐसा नहीं लगता था कि उसके साथ एक घिनौना काम किसी इंसान ने किया हो. ऐसा लग रहा था जैसे किसी जंगली जानवर ने उस पर हमला किया हो.
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डॉ. विपुल कंडवाल ने भावुक होते हुए कहा कि आज निश्चित तौर से हैवानियत पर इंसानियत की जीत हुई है. न्यायपालिका का यह फैसला समाज में एक महिला सुरक्षा के मद्देनजर एक मिसाल कायम बनेगा. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि जब भी इस केस में फांसी टाली गई, तब वे काफी दुखी हुए, लेकिन आखिरकार निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया है. जिससे न्यायपालिका ने अपने वर्चस्व को कायम रखा है.