देहरादून: 87 साल पूरे कर चुके उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने आज अपना 88वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर भुवन चंद्र खंडूड़ी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपने फौज के दिनों से लेकर राजनीति के पारी के अनुभवों को साझा किया.
अपने 88वें में जन्मदिन के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने अपने सभी समर्थकों और चाहने वालों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वह अत्यधिक सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें लंबे समय तक सेना में देश की सेवा करने का मौका मिला. उसके बाद राजनीति में भी वे लंबे समय तक सक्रिय रहते हुए सेवा करते रहे.
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अटल-आडवाणी से सीखा
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि अटल और आडवाणी जैसे महान नेताओं के साथ उन्हें काम करने का मौका मिला. जिससे उन्होंने जीवन और राजनीति में बहुत कुछ सीखा. उन्होंने कहा कि वे बेहद भाग्यशाली हैं कि अटल और आडवाणी से उन्होंने राजनीति करने के सही तरीकों के बारे में सीखा, इसका ही नतीजा है कि वे हमेशा ही गलत तरीकों से हमेशा दूर रहे. उन्होंने कहा कि अटल जी और आडवाणी कि रहते ही उत्तराखंड का निर्माण हुआ है.
पूर्व CM बीसी खंडूड़ी के 88वें जन्मदिन पर खास बातचीत.
सिद्धान्त और आदर्श की जगह आज फायदे और नुकसान ने ले ली
आज के दौर की राजनीति के संबंध में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि यह परिवर्तनशील समय है. राजनीति के तौर तरीके हमेशा बदलते रहे हैं. हमारे समय में अटल और आडवाणी जैसे सिद्धांतों से राजनीति करने वाले लोग थे. कुछ मान्यताओं के आधार पर राजनीति की जाती थी लेकिन अब केवल राजनीतिक नहीं बल्कि समाज में भी कुछ इस तरह का चलन हो चला है कि स्वार्थ और फायदे के लिए काम किए जाते हैं. जिसका प्रभाव राजनीति में भी पड़ा है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा की राजनीति अभी भी सिद्धांतों से चलती है और सामान्य तौर पर इस तरह का कोई काम नहीं किया जाता है जिस पर सवाल खड़ा किया जा सके.
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कलयुग में सतयुग की राजनीति की नहीं उम्मीद
उत्तराखंड के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहां की जब उनका दौर था तब समय के हालात कुछ और थे. उसमें राजनीति सिद्धांत और आदर्शों के आधार पर हुआ करती थी. मगर अब का दौर बदल चुका है. समाज का भी सोचने का नजरिया बदल चुका है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में चार अलग-अलग युग हैं. उन्होंने कहा कलयुग में सतयुग की राजनीति की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
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विपक्ष में होने की वजह हरीश रावत से थी करीबियां
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि उनके समय में जब राजनीति होती थी तो हरीश रावत उनके मुख्य विपक्षी नेता थे. मगर उसके बावजूद भी उनका हरीश रावत से मनभेद नहीं था. उन्होंने बताया कि उनके हरीश रावत से आज भी बेहद अच्छे संबंध हैं. आज जन्मदिन के मौके पर भी हरीश रावत ने सबसे पहले उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जिसका वे आभार जताते हैं. यही नहीं उन्होंने अन्य तमाम नेताओं के बारे में भी बात करते हुए कहा कि नेता विपक्ष के हो लेकिन उनसे व्यवाहारिक संबंध हमेशा अच्छा बना रहता है. विजय बहुगुणा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह उनके खास रिश्तेदार हैं, फिर भी उन्होंने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा.
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बेटे मनीष के लिए क्या बोले बीसी खंडूड़ी
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता रहे बीसी खंडूड़ी ने बेटे के कांग्रेस में होने के सवाल पर कहा कि यह कोई बहुत बड़ा सवाल नहीं है. उनके परिवार में विचारों की आजादी है. उन्होंने अपनी मां का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके माता पिता का लगाव कांग्रेस से था. मगर उन्होंने भाजपा में रहकर राजनीति की. अब अगर मनीष कांग्रेस में जाते हैं तो इस पर कोई सवाल खड़ा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा मनीष अपनी राजनीति करने के लिए स्वतंत्र हैं.