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उत्तराखंड में शराब के शौकीनों के सपनों पर फिरा पानी, व्यक्तिगत बार लाइसेंस के फैसले पर आबकारी विभाग का रोलबैक

Decision on personal bar license withdrawn in Uttarakhand उत्तराखंड में व्यक्तिगत बार लाइसेंस को लेकर आबकारी विभाग ने रोलबैक कर लिया है. दरअसल हाल ही में घरों में बार लाइसेंस दिए जाने का मामला चर्चाओं में था. लेकिन लोगों के विरोध की संभावनाओं को देखते हुए फिलहाल इसे वापस ले लिया गया है.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 12, 2023, 2:07 PM IST

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देहरादून: उत्तराखंड आबकारी नीति के तहत व्यक्तिगत बार लाइसेंस पर आबकारी महकमे ने एक बार फिर विचार किया है और बार लाइसेंस दिए जाने के फैसले को वापस ले लिया है. आबकारी आयुक्त की तरफ से जारी आदेश के अनुसार आबकारी नीति विषयक नियमावली 2023 के नियम 13.11 को स्थगित कर दिया गया है. इस नियम के तहत लोगों को व्यक्तिगत रूप से बार का लाइसेंस लेने का अधिकार दिया गया था.

व्यक्तिगत बार लाइसेंस का फैसला वापस:इसके लिए आबकारी विभाग को शुल्क देने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने घर पर व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए बार का लाइसेंस ले सकता था. खबर है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर पिछले दिनों यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद आम लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. ऐसे में लोगों की इसी प्रतिक्रिया को देखते हुए आबकारी विभाग ने फिलहाल इस नियम के तहत दी जाने वाली सेवा को स्थगित करने का फैसला लिया है.

व्यक्तिगत बार लाइसेंस का हो रहा था विरोध:वैसे आबकारी विभाग अपने तमाम निर्णय को लेकर पहले भी विवादों में रहा है और इस बार व्यक्तिगत बार लाइसेंस को लेकर भी आबकारी विभाग का यह फैसला चर्चाओं में था. बड़ी बात ये है कि लोगों में सरकार के फैसले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियां सामने आ रहीं थी और इसका विरोध भी हो रहा था. लिहाजा इन्हीं स्थितियों को समझते हुए सरकार ने इस निर्णय को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है.

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राजस्व अर्जित करना चाहती थी सरकार:इस दौरान देहरादून में एक व्यक्ति ने इसी नियम के तहत व्यक्तिगत प्रयोग के लिए बार का लाइसेंस भी ले लिया था और यह खबर काफी ज्यादा सुर्खियों में भी थी. सरकार इस नियम के जरिए राजस्व अर्जित करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन एक तरफ सरकार शराब को प्रमोट न करने की बात कहती है, तो दूसरी तरफ इस तरह के नियम सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर देते हैं और ऐसे ही कुछ सवालों को देखते हुए सरकार को यह फैसला स्थगित करना पड़ा है.

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