ऋषिकेश: एम्स ने पहाड़ में बच्चों की मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए नई पहल शुरू की है. ऋषिकेश एम्स में बच्चों के लिए एक्सीलेंट सेंटर तैयार किया जा रहा है. इसके तहत अब एम्स में आउटरीच बच्चों का भी इलाज किया जाएगा. इसके लिए एम्स निदेशक ने शुरुआती दौर में कार्य करना भी शुरू कर दिया है.
एम्स निदेशक मीनू सिंह के अनुसार उत्तराखंड के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को चक्कर लगाने के जरूरत नहीं है. इसके लिए एम्स निदेशक ने एम्स में एक्सीलेंट सेंटर खोलने की ठान ली है. शुरुआती दौर में इलाज एवं दवाइयों को पहुंचाने के लिए ड्रोन के तहत कार्य करने की शुरुआत की जाएगी. यह बड़ी चुनौती है की उत्तराखंड में बच्चों की मृत्यु दर राष्ट्रीय अनुपात से अत्याधिक है. इसको समिति करने के लिए एक्सीलेंट सेंटर बनाने की पहल हुई है.
निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह भी स्वयं बाल श्वास तंत्र विशेषज्ञ हैं, लिहाजा उन्होंने बच्चों की इस बुनियादी समस्या को जड़ से समाप्त करने की तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही एम्स में बुनियादी तैयारी शुरू करने के बाद तकनीकी इंतजाम शुरू कर दिए जायेंगे.