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कल हरदा का हल्लाबोल, श्रम कानून के खिलाफ पदयात्रा - Ex cm harish rawat protest

उत्तराखंड में श्रम कानून में हुए बदलाव से नाराज पूर्व सीएम हरीश रावत शनिवार को रुद्रपुर और हरिद्वार में पदयात्रा करेंगे.

harish rawat protest
शनिवार को हरदा का हल्लाबोल

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Published : Oct 16, 2020, 8:58 PM IST

देहरादून: नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने को उत्तराखंड सरकार ने श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किए हैं. उन्हें 30 जुलाई को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. त्रिवेंद्र सरकार के श्रम कानून के खिलाफ पूर्व सीएम हरीश रावत 17 अक्टूबर को रुद्रपुर और हरिद्वार सिडकुल में पदयात्रा निकालने जा रहे हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत का मानना है कि भाजपा सरकार के श्रम कानून मजदूर विरोधी ही नहीं बल्कि उत्तराखंड विरोधी भी हैं.

शनिवार को हरदा का हल्लाबोल

हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के सामने बेरोजगारी का सवाल तो उठा. मगर राज्य सरकार इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है. सिडकुल में कई पद रिक्त पड़े हुए हैं. ऐसे में राज्य सरकार को उद्यमियों के साथ एमओयू साइन करना चाहिए. लेकिन यह अवसर निरंतर हाथों से निकल रहा है. काम के घंटे बढ़ाने से श्रमिकों का शोषण हो रहा है और उनका वेतन घटा दिया जा रहा है. प्रदेश का श्रम विभाग श्रमिक विरोधी हो गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने श्रम कानून बनाकर अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मारी है.

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श्रम कानून में किए गए संशोधन के मुताबिक अब 300 तक लोग जिस फैक्ट्री में काम कर रहे हैं, यदि उद्यम बंद करना है तो इसके लिए राज्य सरकार और जिलाधिकारी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में 80 प्रतिशत उद्यम ऐसे हैं, जिनमें 300 या उससे कम लोग काम कर रहे हैं. ऐसे में पूंजीपति जब चाहेंगे अपना मुनाफा कमाकर फैक्ट्री क्लोज कर देंगे. इससे श्रमिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

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