उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : Oct 31, 2020, 7:42 PM IST

Updated : Oct 31, 2020, 10:00 PM IST

ETV Bharat / state

विवादों वाले बौद्ध मठ के शाक्य स्कूल पहुंचा ईटीवी BHARAT, जानिए प्रबंधन और बच्चों की बात

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शाक्य स्कूल के जनरल सेक्रेटरी सोनम ने बताया कि मारपीट और बच्चों को प्रताड़ित करने का आरोप पूरी तरह से गलत और निराधार है. बच्चों को चोट लगने का वीडियो और फोटो 3 साल पुराना है. स्कूल में पढ़ने वाले नेपाल और पश्चिम बंगाल मूल के बच्चों ने साफ तौर पर कैमरे के सामने कहा कि वह इस स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते हैं. बच्चों ने कहा वे जल्द से जल्द अपने घर वापस जाना चाहते हैं.

etv-bharat-reaches-controversial-religious-buddhist-monastery-shakiya-school
विवादों वाले बौद्ध मठ के शाक्य स्कूल पहुंचा ईटीवी BHARAT

देहरादून: राजपुर क्षेत्र के पुरकल गांव स्थित तिब्बती मठ के अधीन आने वाला 'शाक्य स्कूल' इन दिनों विवादों में घिरा है. नेपाल मूल के 47 बच्चों के साथ बर्बरता, मारपीट और प्रताड़ना जैसे आरोपों के मामले को लेकर ये स्कूल दिल्ली से लेकर नेपाल तक खबरों में है. दशहरे के त्यौहार में स्कूल से अवकाश न मिलने के चलते जिस तरह से यह मामला सामने आया उसके बाद पहली बार इस स्कूल के प्रबंधक और पीड़ित बच्चों ने कैमरे के सामने आकर ईटीवी भारत से बातचीत की.

विवादों वाले बौद्ध मठ के शाक्य स्कूल पहुंचा ईटीवी BHARAT

स्कूल को बदनाम करने की साजिश: प्रबंधक
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शाक्य स्कूल के जनरल सेक्रेटरी सोनम ने बताया कि मारपीट और बच्चों को प्रताड़ित करने का आरोप पूरी तरह से गलत और निराधार है. बच्चों को चोट लगने का वीडियो और फोटो 3 साल पुराना है. हालांकि नेपाल मूल के बच्चों ने दशहरे में घर जाने के लिए अवकाश मांगा था. मगर कोरोना के कारण बच्चों को अवकाश नहीं दिया गया. जिसके चलते 10 बच्चे स्कूल से फरार हो गये. तीन बच्चों को वापस लाया जा चुका है, जबकि बाकी 7 बच्चे नेपाल में अपने घर पहुंच चुके हैं. शाक्य स्कूल के सेक्रेटरी ने कहा कि 2016 से उनका स्कूल 211 तिब्बती और नेपाली बच्चों को मुफ्त में शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं दे रहा है. आजतक बच्चों को लेकर कोई ऐसा विवादित प्रकरण सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा ये सारी बातें उनके स्कूल को बदनाम करने की साजिश के तहत की जा रही हैं.

पढ़ें-हरिद्वार पहुंचे बंसल का हरदा पर निशाना, बोले- स्टिंग करने वाले हरीश रावत के दोस्त

बच्चों के धर्म परिवर्तन का आरोप पूरी तरह गलत है: साकिया स्कूल
वहीं, नेपाली मूल के 47 बच्चों को शिक्षा दीक्षा देने के दौरान धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने के आरोप को भी शाक्य स्कूल के प्रबंधक ने पूरी तरह से खारिज किये. स्कूल सेक्रेटरी सोनम ने कहा कि बच्चों के धर्म परिवर्तन करने का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. हां इतना जरूर है कि तिब्बती स्कूल होने के कारण उनको वहीं की भाषा वेशभूषा और अन्य तरह की धार्मिक शिक्षा-दीक्षा जरूर दी जाती है. मगर धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है. यहां सभी बच्चे अपने धर्म समुदाय के लिए स्वतंत्र हैं.

पढ़ें-माफिया को सीएम त्रिवेंद्र की चेतावनी, कहा- प्रदेश में नहीं पनपने देंगे भ्रष्टाचार

पढ़ाई छोड़ कर घर वापस जाने वाले बच्चों के विषय में स्कूल प्रबंधन के पास जवाब नहीं
शाक्य स्कूल प्रबंधन ने इतना जरूर कहा कि नेपाली मूल के 47 बच्चों ने प्रार्थना पत्र देकर स्कूल छोड़कर हमेशा के लिए घर वापस जाने का आग्रह पहले ही किया हुआ है. ऐसे में वह लोग नेपाल एंबेसी और बच्चों के अभिभावकों से बातचीत कर उन्हें वापस भेजने की व्यवस्था बनाने जा रहे हैं. हालांकि इतनी संख्या में पढ़ाई छोड़कर घर वापस जाने वाले बच्चों का सही कारण उनको समझ नहीं आ रहा है. स्कूल प्रबंधन के अनुसार सिर्फ नेपाल और पश्चिम बंगाल के बच्चे आखिर क्यों पढ़ाई छोड़ कर वापस घर जाना चाहते हैं, ये उन्हें समझ नहीं आ रहा है.

पढ़ें-माफिया को सीएम त्रिवेंद्र की चेतावनी, कहा- प्रदेश में नहीं पनपने देंगे भ्रष्टाचार

हम जल्द से जल्द घर वापस जाना चाहते हैं: नेपाल मूल के बच्चे
शाक्य स्कूल में पढ़ने वाले नेपाल और पश्चिम बंगाल मूल के बच्चों ने साफ तौर पर कैमरे के सामने कहा कि वह इस स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते हैं. बच्चों ने कहा वे जल्द से जल्द अपने घर वापस जाना चाहते हैं. बच्चों ने साफ तौर पर कहा कि उनका स्कूल में पढ़ने का मन नहीं है. उन्हें यहां परिवार की याद आती है. वहीं, बच्चों ने बताया कि नेपाल में दशहरा सबसे बड़ा त्योहार है, जिसके कारण उन्होंने घर जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. मगर स्कूल ने उन्हें छुट्टी नहीं दी. जिसके कारण बच्चों को ऐसा कदम उठाना पड़ा. नेपाली मूल के अधिकांश बच्चों को फिलहाल स्कूल प्रबंधन सामने लाने से बच रहा है. ऐसे में 3 बच्चों ने ही कैमरे के सामने आकर स्कूल छोड़कर घर वापस जाने की बात कही.

पढ़ें-उत्तरकाशी: धराली के जंगल में लगी आग, SDRF ने किया काबू

वहीं, स्कूल में मारपीट, प्रताड़ित करने जैसे अन्य तरह के शोषण के मामलों को लेकर भी स्कूल के बच्चे फिलहाल कैमरे के सामने कुछ बोलने से बचते नजर आये. बता दें कि पिछले 5 वर्षों से तिब्बती समुदाय के साथ-साथ नेपाल और पश्चिम बंगाल के कई बच्चे साकिया स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ऐसे में मात्र नेपाल मूल के बच्चों का पढ़ाई छोड़कर घर वापस जाना फिलहाल जांच का विषय है.

पढ़ें-त्योहारी सीजन को लेकर तैयारियां तेज, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन ने की चर्चा


देहरादून डीआईजी ने एसपी क्राइम से 3 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
उधर इस मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को पूरे मामले में बच्चों सहित स्कूल प्रबंधन से पूछताछ कर सोमवार तक रिपोर्ट तलब की है. ऐसे में शाक्य स्कूल में बच्चों के साथ होने वाले घटनाक्रम में क्या सच्चाई है? यह जांच मुकम्मल होने के बाद ही सामने आ सकेगी.

Last Updated : Oct 31, 2020, 10:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details