उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड के ईपीएस 95 पेंशन धारकों का प्रांतीय अधिवेशन आज, सरकार के खिलाफ फूंकेंगे बिगुल

उत्तराखंड के ईपीएस 95 पेंशन धारकों का आज प्रांतीय अधिवेशन होना है. जिसमें कई मुद्दों पर वार्ता होगी. इसके अलावा पेंशनर्स ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी. उनका साफ कहना है कि उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे.

EPS 95 pension
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

By

Published : Mar 26, 2023, 11:22 AM IST

देहरादूनःउत्तराखंड के कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस 95) पेंशन धारकों का एक दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन आज गुरु नानक वेडिंग प्वाइंट सुभाष रोड में होने जा रहा है. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्र संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत शिरकत करेंगे. अधिवेशन में पेंशनर्स अपनी मांगों को लेकर अग्रिम रणनीति पर भी चर्चा करेंगे.

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि देश के औद्योगिक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कर्मचारी जिन्होंने अपनी सेवा देते हुए देश के नवनिर्माण में खून पसीना बहाया. आज वही पेंशनर्स कम पेंशन मिलने के कारण मेडिकल सुविधाओं के अभाव में अत्यंत दयनीय स्थिति में अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण समिति के महासचिव सुरेश गंगवाल ने कहा कि उनके संगठन एनएससी ने ईपीएस (EPS 95) पेंशनर्स की आवाज को सरकार तक पहुंचाने और पेंशनर्स की उचित मांगों को मंजूर करवाने के लिए देशभर में बीते 7 सालों से कई आंदोलन किए, लेकिन सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है.
ये भी पढ़ेंः31 मार्च से पहले ले लें LIC की ये योजना, हर महीने मिलेगा 18,500 रुपये पेंशन

उन्होंने कहा कि पेंशनरों ने अपनी मांगों को लेकर बीती 15 मार्च को देशभर में रास्ता रोको आंदोलन भी किया, लेकिन उनके समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि देश की प्रगति और विकास में अहम योगदान निभाने वाले वृद्ध पेंशनरों की स्थिति खराब होती जा रही है.

सुरेश गंगवाल ने बताया कि आगामी 27 और 28 मार्च को दिल्ली में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक होने जा रही है. यदि इस बैठक में हमारी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो पूरे देश में पेंशनर्स 29 मार्च से श्रम शक्ति भवन दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठने पर मजबूर हो जाएंगे.

वहीं, समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देशभर में अपनी मांगों को लेकर कई सांसदों को ज्ञापन भी सौंपे गए हैं और प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजे गए. लेकिन यदि संसद सत्र में हमारी मांगों पर चर्चा करके सहमति नहीं दी जाती है तो आने वाले समय में करीब 70 लाख पेंशनर्स केंद्र सरकार के विरोध में व्यापक अभियान चलाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details