देहरादून: जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से शहर खतरे की जद में है. जिसको लेकर पर्यावरण एवं जलवायु वैज्ञानिकों की टीम ने जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची है. इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम पर्यावरण और पारिस्थितिकी की जांच करेंगे. इसके साथ ही जोशीमठ में पानी की गुणवत्ता की भी जांच करेंगे. वैज्ञानिकों की 4 से 5 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में इस पर काम कर रही है.
जोशीमठ पहुंची वैज्ञानिकों की टीम में शामिल डॉ जेसी कुनियाल ने बताया कि जिन घरों में दरारें आई हैं, उनकी स्थिति अच्छी नहीं है. सरकार ने पहले ही उन लोगों का पुनर्वास कर दिया है. हम देख रहे हैं कि क्या भूमि के और धंसने की संभावना है या क्या भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जा सकता है. यह हमारे लिए भी चुनौतीपूर्ण है. हमारी टीम यहां पर्यावरण, पारिस्थितिक और यहां पानी की गुणवत्ता का आकलन करेंगी. हमारी टीमें इस पर जोशीमठ के अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही हैं.
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