देहरादून: उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधाओं को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने राज्य कर्मियों की गोल्डन कार्ड (Uttarakhand Golden Card) की सुविधाओं को लेकर मांग पर एक समिति का गठन कर दिया है. लेकिन कर्मचारी संगठन ने इसे झुनझुना बता कर स्वास्थ्य मंत्री के इस फैसले पर भी कड़ा ऐतराज जाहिर किया हैं. यही नहीं कर्मचारियों ने 16 अगस्त को आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार करने की भी घोषणा कर दी है.
गोल्डन कार्ड पर अब 16 को विरोध की रूपरेखा तय करेंगे कर्मी, स्वास्थ्य मंत्री के समिति गठित करने से खफा - गोल्डन कार्ड
प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधाओं को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य कर्मियों का मानना है कि सरकार के स्तर से गोल्डन कार्ड की योजना को एसजीएचएस के स्थान पर सीजीएचएस की दरों पर चलाए जाने का फैसला तो लिया गया, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा गया.
एक तरफ जहां प्रदेश वासियों के लिए राज्य सरकार की तरफ से अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana) चल रही है. वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए सरकार अंशदान लेकर उन्हें भी इसका लाभ देने का फैसला कर चुकी है. हालांकि राज्य कर्मचारियों ने इसको लेकर कुछ आपत्ति जाहिर करते हुए सुविधाओं को और बेहतर करने की मांग की है. राज्य कर्मियों का मानना है कि सरकार के स्तर से गोल्डन कार्ड की योजना को एसजीएचएस के स्थान पर सीजीएचएस की दरों पर चलाए जाने का फैसला तो लिया गया, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा गया.
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खास बात यह है कि इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ भी राज्य कर्मियों ने बैठक की. लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने एक समिति बनाकर इस पर रिपोर्ट मांग ली, जिससे कर्मचारी और भी ज्यादा नाराज हो गए. कर्मचारियों ने पहले आयुष्मान योजना चला रहे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का घेराव करने का निर्णय लिया था. जिस पर एक बार फिर कर्मचारी विचार कर रहे हैं. राज्य कर्मियों ने अब 16 अगस्त को इसके मद्देनजर बैठक करने का निर्णय लिया है. जिसमें स्वास्थ्य मंत्री के फैसले के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने पर विचार किया जाएगा.