देहरादून: लगभग पिछले 10 सालों से यूपीसीएल में टेक्निकल ग्रेड-2 से अवर अभियंता के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है. जिसके चलते उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. ईटीवी भारत के सामने अपना रोष व्यक्त करते हुए उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने कहा अगर निगम की ओर से एक महीने के भीतर टेक्निकल ग्रेड 2 से अवर अभियंता के पद पर पदोन्नति नहीं की गई तो संगठन से जुड़े सभी कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
UPCL में सालों से नहीं हुए टेक्निकल ग्रेड-2 में प्रमोशन. उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में से यूजेवीएनएल और पिटकुल में पहले ही टेक्निकल ग्रेड 2 से पदोन्नति हो चुकी है. एक मात्र यूपीसीएल ही है जहां पिछले कई सालों से टेक्निकल ग्रेड 2 से अवर अभियंता के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है.
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निगम प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन संगठन पर कोर्ट जाने का आरोप लगाकर केवल अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहा है. जबकि निगम प्रबंधन के इस लापरवाह रवैया की वजह से लगभग 400 टेक्निकल ग्रेड 2 के कर्मचारी सालों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं.
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वहीं, पिछले कई सालों से टेक्निकल ग्रेड-2 के प्रमोशन न किए जाने को लेकर यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा का कहना है कि विभाग पदोन्नति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयासों में जुटा हुआ है. प्रबंधन की ओर से अप्रैल 2020 में पदोन्नति के लिए आवेदन भी आमंत्रित किए गए थे, लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. वहीं दूसरी तरफ पदोन्नति में हो रही लेटलतीफी के लिए उन्होंने संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया है. उनके मुताबिक संगठन के कर्मचारी अक्सर कोर्ट का दरवाजा खटखटा देते हैं. जिसकी वजह से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कतें आती हैं.