मसूरी:उप जिला चिकित्सालय में कोरोना काल में रखे गए 12 कर्मचारियों को एक महीने बाद निकाले जाने पर कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर ही धरना-प्रदर्शन किया. बता दें कि कर्मचारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता पंडित मनीष गोनियाल भी प्रदर्शन में शामिल हुए और मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन और भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.
कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की. निकाले गये कर्मचारियों ने तत्काल नौकरी पर रखने की मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करने के साथ भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी.
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सामाजिक कार्यकर्ता पंडित मनीष गोनियाल का कहना है कि जब कोरोना संक्रमण पीक पर था, तब मसूरी उप जिला चिकित्सालय के अधिकारियों ने 12 लोगों को अस्पताल में नौकरी पर रख लिया. जब कोरोना संक्रमण कम हुआ तो अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारियों को निकाल दिया. यहां तक कि उनको उनका मानदेय भी नहीं दिया गया है. इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. गोनियाल ने कहा कि, अस्पताल प्रबंधन द्वारा 12 कर्मचारियों को परमानेंट रखने की शर्त पर रखा था. जैसे ही कोरोना की लहर कम होने लगी, अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें निकाल दिया. उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार रोजगार देने की बात कर रही है. वहीं कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए 12 कर्मचारियों द्वारा काम किया गया, परंतु उनको निकाल दिया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.