देहरादून: पिछले साल इसी महीने अगस्त में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कोटिया कमेटी की रिपोर्ट पर विधानसभा के 228 कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी थी. इसमें 2016 और उसके बाद हुए कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध भर्ती बताते हुए यह फैसला लिया गया था. ऐसे में एक बार फिर उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त किए गए 228 कर्मचारी का प्रदर्शन विधानसभा सत्र के नजदीक आते ही उग्र हो गया है.
260 दिनों से धरने पर बैठे विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी:बर्खास्त कर्मचारियों का कहना है कि बिना उनका पक्ष जाने एक झटके में सभी कर्मचारियों की सेवाएं निरस्त कर दी गई थी, जो कि न्याय संगत नहीं है. इसी विषय को लेकर बर्खास्त कर्मचारी विधानसभा के बाहर पिछले 260 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोटिया कमेटी की रिपोर्ट ने 2001 से 2021 तक की सभी 396 नियुक्तियों को अवैध और अनियमित माना है. लेकिन 2016 के बाद हुई नियुक्तियों पर ही क्यों तलवार चली है. इसके अलावा कर्मचारियों ने कहा कि बर्खास्त होने के 1 साल बाद पहली बार विधानसभा का सत्र देहरादून में आयोजित होने जा रहा है. जिसमें उन्हें उम्मीद है कि उनके पक्ष को लेकर विचार किया जाएगा.