देहरादून: देश में वैसे ही महंगाई का दौर चल रहा है. घर का गैस सिलेंडर हो या खाने पीने की अन्य वस्तुएं, आए दिन उनके रेट बढ़ने से बजट बिगड़ रहा है. दूसरी तरफ उत्तराखंड में बिजली की दरों में साल में दो से तीन बार हो रहे इजाफे ने उत्तराखंड की जनता को और भी अधिक परेशान कर दिया है. साल में तीन बार बिजली की दरों की बढ़ोत्तरी के बाद अब एक बार फिर से यूपीसीएल बिजली की दरों को बढ़ाने जा रहा है. इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव बना है और प्रस्ताव शासन को भी चला गया है. अब यह तय होगा कि बिजली की दरें क्यों बढ़ाई जा रही हैं, और कब तक बढ़ेंगी. यानी उत्तराखंड की जनता को एक बार फिर से बिजली का झटका लगने वाला है. यह वह उत्तराखंड है जहां पर जलस्रोतों की कमी नहीं है. यानी सरकार चाहे तो उत्तराखंड की नदियों पर जो बांध बने हैं या और अधिक बांध बनाकर बिजली के रेट नियंत्रित किये जा सकते हैं. बावजूद इसके आज भी उत्तराखंड दूसरे राज्यों से बिजली खरीद रहा है.
एक बार फिर भेजा बिजली महंगी करने का प्रस्ताव: उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली उपभोक्ताओं को और अधिक बिल देना पड़ सकता है. आप यह कह सकते हैं कि इसकी तैयारी 80% पूरी कर ली गई है. साल 2022 में दो बार सरचार्ज के नाम पर बढ़ोत्तरी की गई है. मौजूदा समय में 6.5 फ़ीसदी सरचार्ज देना पड़ रहा है. हालांकि 19 सितंबर 2022 को यह कहकर सरचार्ज बढ़ाया गया था कि फिलहाल यह अधिभार 7 महीने के लिए लगाया जा रहा है. जिसकी अवधि 31 मार्च 2027 तक रहेगी. लेकिन अब जो नई बात निकल कर सामने आई है, वह यह है कि यूपीसीएल ने नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें एक बार फिर से बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव रखा गया है.
कितना है फ़िलहाल उपभोक्ताओं पर भार: यूपीसीएल लगातार शासन प्रशासन को यह पत्र भेज कर रोना रो रहा है कि विभाग लगातार घाटे में चल रहा है. उनका कहना है कि उत्तराखंड से अलग दूसरे राज्यों से बिजली खरीदने में काफी पैसा विभाग का खर्च हो रहा है. जिसकी वजह से कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 में तीन बार बिजली के रेट बढ़ाए हैं. बावजूद इसके एक बार फिर से यह प्रस्ताव भेजा गया है.
अगर साल 2022 की बात करें तो 1 अप्रैल से बिजली की दरों में 2.68 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी. वहीं सितंबर महीने में ऊर्जा निगम ने 3.85 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी की थी. यूपीसीएल का इतने से भी मन नहीं भरा तो उन्होंने अक्टूबर महीने में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली के रेट बढ़ा दिए. यानी साल 2022 में जो लोग 100 यूनिट बिजली खर्च कर रहे थे उन्हें 26 पैसे प्रति यूनिट और अधिक देने पड़ रहे थे. जबकि 200 यूनिट खर्च करने वालों को 51 पैसे देने पड़ रहे थे. 400 यूनिट खर्च करने वालों को 71 पैसे प्रति यूनिट और अधिक देने पड़ रहे थे. यह दरें घरेलू बिजली की दरों की थीं. जबकि कमर्शियल बिजली इस्तेमाल करने वाले एलटी उद्योग को 96 पैसे और एचडी उद्योग को एक दशमलव ₹11 प्रति यूनिट और देने पड़ रहे थे.