देहरादून: 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते प्रचार-प्रसार कल शाम 5 बजे थम गया. टिहरी लोकसभा सीट पर इस बार 15 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी गौतम सिंह बिष्ट द्वारा अपना चुनावी खर्च 5 अप्रैल तक नहीं देने के कारण निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशी का चुनाव प्रसार-प्रचार 5 अप्रैल की शाम को ही रोक दिया था. इसके साथ ही 14 प्रत्याशियों ने अपना चुनावी खर्च का ब्योरा सही से न दे पाने के कारण निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया है.
लोकसभा सीट टिहरी से इस बार 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. निर्दलीय प्रत्याशी गौतम सिंह बिष्ट ने अपने चुनावी खर्च का ब्योरा न देने के कारण निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशी के प्रचार प्रसार को 5 अप्रैल को ही रोक दिया था. इसके साथ ही 14 प्रत्याशी टिहरी लोकसभा संसदीय सीट से अपने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दे पाए.
निर्वाचन आयोग ने 14 प्रत्याशियों को जारी किया नोटिस. इस बार जिला निर्वाचन ने भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह और कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह सहित 14 प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का सही विवरण न दे पाने के चलते नए सिरे से नोटिस जारी किया है. सभी प्रत्याशी को 3 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.
बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने अपना चुनावी खर्च 9 लाख 97 हजार 143 रुपये, बीजेपी प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह ने 16 लाख 92 हजार 674 रुपये, निर्दलीय राजेन्द्र पुरोहित ने 4 लाख 94 हजार 792 रुपये, बसपा के सत्यपाल 40 हजार 657 रुपये, निर्दलीय अनु पंत ने निर्वाचन आयोग को अपना खर्च का ब्योरा नहीं दिया. उक्रांद के जय प्रकाश उपाध्याय 6 लाख 35 हजार 343 रुपए, संजय कुंडलिया ने निर्वाचन आयोग को अपना खर्चा का ब्योरा नहीं दिया, निर्दलीय गोपालमणि 7 लाख 34 हजार 579 रुपये, दौलत कुंवर 2 लाख 90 हजार 508 रुपए, बृज भूषण कर्णवाल ने निर्वाचन आयोग को अपना खर्च का ब्योरा नहीं दिया. ब्रहम देव झा ने निर्वाचन आयोग को अपना खर्च का ब्योरा नहीं दिया. वहीं, मधुशाह ने 45 हजार 950 रुपये, संजय गोयल और सरदार खान ने निर्वाचन आयोग को अपना ब्योरा नहीं दिया.
मुख्य कोषाधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशी को दिशा-निर्दश दिए जाते हैं, जिसमें सभी प्रत्याशी को एक रजिस्टर दिया जाता है. उसमें दैनिक रजिस्टर, बैंक रजिस्टर और कैश रजिस्टर को तीन पार्ट में होता है, जिसके आधार पर चुनाव सम्बन्धी कोई भी प्रत्याशी खर्च करता है तो रजिस्टर में सभी डिटेल लिखनी होती है. यदि निर्वाचन आयोग द्वारा सभी प्रत्याशियों को 3 तारीखों में एकाउंट फाइनल नहीं करता है तो उस प्रत्याशी को नोटिस दे दिया जाता है.