उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी कॉरिडोर बनाने की कवायद तेज. देहरादूनः उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र को विस्तार देने की कवायद में जुटी रहती है. सरकार अब प्रदेश में साइंस टेक्नोलॉजी कॉरिडोर बनाए जाने पर जोर दे रही है. पहले से ही प्रदेश में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, ड्रोन कॉरिडोर समेत तमाम कॉरिडोर बनाने की कवायद चल रही है. लेकिन अगर उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी कॉरिडोर बनाया जाता है तो यह देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो ये उपलब्धि हासिल करेगा.
देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी का निर्माण कार्य जारी. उत्तराखंड सरकार साइंस टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर दे रही है. यही वजह है कि सरकार विभागों का डिजिटाइजेशन करने के साथ ही ई-सेवा पर जोर दे रही है. नई-नई तकनीक को प्रदेश में ला रही है. जिससे राज्य सरकार का सशक्त उत्तराखंड का लक्ष्य पूरा किया जा सके. यही कारण है कि साइंस टेक्नोलॉजी पर जोर देते हुए सरकार, देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी बा रही है, जिसका निर्माण कार्य पर चल रहा है. साइंस सेंटर करीब 25 एकड़ भूमि में बनाया जाना है. वर्तमान में देहरादून स्थित विज्ञान भवन में रीजनल साइंस सेंटर स्थापित है.
साइंस सेंटर करीब 25 एकड़ भूमि में बनाया जाना है. प्रदेश के सभी जिलों में बनेंगे साइंस सेंटर: राजधानी देहरादून में रीजनल साइंस सेंटर स्थापित है और अल्मोड़ा में साइंस सेंटर निर्माण का कार्य चल रहा है. इसी क्रम में सीएम धामी की घोषणा के बाद चंपावत जिले में भी साइंस सेंटर को मंजूरी मिल गई है. इसके लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को चंपावत में भूमि भी आवंटित कर दी गई है. इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी को साइंस सेंटर निर्माण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए 35 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं. इसी क्रम में भविष्य में प्रदेश के सभी जिलों में साइंस सेंटर स्थापित करने की दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग काम कर रहा है.
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साइंस टेक्नोलॉजी कॉरिडोर की स्थापना बड़ी उपलब्धि: ज्यादा जानकारी देते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने बताया कि देश की पांचवीं साइंस सिटी देहरादून में बन रही है. इसके तैयार होने के बाद प्रदेश में एक ईको सिस्टम तैयार हो जाएगा. ऐसे में अगर प्रदेश के सभी जिलों में साइंस सेंटर बना दिये जाते हैं तो वह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक छोटा राज्य है. ऐसे में साइंस के क्षेत्र में बूस्टर साबित हो सकता है. साइंस टेक्नोलॉजी कॉरिडोर बन जाने के बाद रिसर्च एक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही प्रदेश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि भी होगी.
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