देहरादून: जैसे किसी प्रदेश के विकास को उसकी राजधानी से मापा जाता है, उसी तरह प्रदेश में राजनीतिक संदेश देने के लिए भी राजधानी ही सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती है. इसी बात को समझते हुए राजनीतिक दल राजधानी देहरादून को जीतने के लिए कुछ खास प्रयासों में जुटे हुए हैं. हालांकि मौजूदा समीकरण बीजेपी के पक्ष में है और देहरादून जिले की 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर बीजेपी का ही कब्जा बना हुआ है. क्या होंगे राजधानी देहरादून में राजनीतिक दलों के नए राजनीतिक समीकरण जानिए...
राजधानी देहरादून में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं. इन 10 सीटों में से 9 पर बीजेपी काबिज है, जिसे बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की बदौलत जीता था. हालांकि 10वीं विधानसभा हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रही है, जिसे बीजेपी मोदी लहर में भी नहीं भेद पाई थी.
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10 में से 9 सीटें जीतकर बीजेपी ने उत्तराखंड में ऐतिहासिक प्रचंड बहुमत हासिल किया था. वैसे किसी प्रदेश की भी राजधानी राजनीतिक रूप से भी राजनीतिक दलों के लिए बेहद खास रहती है. देहरादून जिले में 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले 9 विधानसभा सीटें थीं. 2012 विधानसभा चुनाव से परिसीमन के बाद यह 10 विधानसभा सीटें हो गई थीं.
अब तक के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर:2002 में पहले चुनाव के दौरान 9 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब रही तो 2 सीटें बीजेपी के खाते में आईं. इस बढ़त के साथ कांग्रेस ने 2002 में 36 सीटें लाकर सरकार बनाई थी.
2007 में 9 विधानसभा सीटों में से 6 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया जबकि 30 सीटें ही कांग्रेस जीत सकी. इस तरह इस बार बीजेपी 34 सीटें लाकर गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही.
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा सीटें देहरादून जिले में हो गई. इसमें से 05 बीजेपी तो 05 कांग्रेस ने जीती. वहीं प्रदेश में कांग्रेस 32 और बीजेपी 31 सीटें ही जीत पाई. 2012 में कांग्रेस ने बीजेपी से एक सीट ज्यादा जीती थी. बेहद करीबी मुकाबले में 1 सीट की बढ़त के साथ कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई.
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