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हरेला पर्व पर शिक्षा मंत्री शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लोगों से लेंगे राय - education minister's environment message on harela festival

उत्तराखंड की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में हरेला पर्व के दिन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कार्यक्रम तय किए हैं. उन्होंने इस बार न केवल वृक्षारोपण कर हरेला पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे, बल्कि इस दौरान राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर भी लोगों से भी बात करेंगे.

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शिक्षा मंत्री

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Published : Jul 5, 2020, 7:51 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड में हरेला पर्व को लेकर यूं तो तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. लेकिन इस बार शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के पर्यावरण को लेकर दिए जाने वाले संदेश पर सभी की निगाहें होंगी. दरअसल, शिक्षा मंत्री न केवल इस बार हरेला को लेकर कई जगह पर वृक्षारोपण करने वाले हैं. बल्कि इस दौरान राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर भी लोगों से भी बात करेंगे.

उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में हरेला पर्व के दिन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कार्यक्रम तय किए हैं. उन्होंने इस बार न केवल वृक्षारोपण कर हरेला पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे. बल्कि इसी दौरान वर्चुअल बातचीत के जरिए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने पर सुझाव भी लेंगे. बता दें कि, शिक्षा मंत्री ने 6 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक हरेला पर्व को लेकर अपने कार्यक्रम तय किए हैं. जिसमें तमाम स्कूलों में जाकर वृक्षारोपण के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान वह विभिन्न जिलों और स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के दौरान प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के लिए ठोस कदम उठाने से जुड़े सुझाव भी लेंगे.

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शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे वर्चुअल बातचीत के जरिए शिक्षाविद, शिक्षक और आम लोगों से भी बातचीत करेंगे. दरअसल, शिक्षा मंत्री प्रदेश के सभी ब्लॉक में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा कर चुके हैं. इसके तहत राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में दो इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाएंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल वाजपेई के नाम से खुलने वाले इन इंग्लिश मीडियम स्कूल में किस तरह की व्यवस्था होगी और क्या इसमें बेहतर किया जा सकता है, इसको लेकर वे सभी से सुझाव लेने वाले हैं. इन स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से संबंध किया जाएगा. साथ ही प्रदेश में शिक्षा विभाग के ही शिक्षकों का चयन कर अलग कैडर बनाकर इन स्कूलों में तैनाती दी जाएगी. बिहारी वाजपेई के नाम से खुलने वाले इन इंग्लिश मीडियम स्कूल में किस तरह की व्यवस्था होगी और क्या इसमें बेहतर किया जा सकता है इस को लेकर वे सभी से सुझाव लेने वाले हैं.

हरेला पर्व क्या है?

हरेला एक हिंदू त्योहार है. जो मूल रूप से उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है. हरेला का अर्थ है 'हरियाली का दिन' जो श्रावण के महीने में मनाया जाता है. ये पर्व हरियाली और खेती से जुड़ा है इसलिए यह त्योहार कुमाऊं के किसानों द्वारा मनाया जाता है. हरेला के दिन किसान भगवान से अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं. हरेला बरसात के मौसम में उगाई जाने वाली पहला फसल का प्रतीक माना जाता है. जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है.

हरेला पर्व को कैसे मनाया जाता है?

हरेला के दिन घर के बड़े, श्रावण महीना लगने से दस दिन पहले एक बर्तन में कुछ मिट्टी भर के सात तरह के अलग-अलग बीच (धान, गेहूं, जौ, गहत, सरसों और भट्ट) बोते हैं. रोजाना पानी छिड़क कर इसमें पौधे उगने का इंतजार करते है. इन पौधों को ही हरेला कहा जाता है. इन पौधों को काटकर भगवान के चरणों में चढ़ा कर पूजा की जाती है. साथ ही अच्छी फसल की कामना की जाती है. इस दिन लोग पेड़-पौधों को भी लगाते हैं.

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