देहरादून: प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी पर लगााम लगाने के लिए बीते कई सालों से फीस एक्ट लाने की कवायद चल रही है. मगर राज्य को अब तक अपना फीस एक्ट नहीं मिल सका है. वहीं, जब इस संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा फीस एक्ट के ड्राफ्ट में मौजूद सभी खामियों को दूर कर लिया गया है. जल्द ही इस एक्ट के प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा. अगले विधानसभा सत्र तक इस एक्ट को प्रदेशवासियों के हित में लागू करने का प्रयास किया जाएगा.
फीस एक्ट की प्रमुख बातें: सूत्रों के मुताबिक फीस एक्ट लागू होने के बाद स्कूल छात्रों को क्या सुविधाएं दे रहे हैं, इसके अनुसार ही स्कूल अपनी फीस तय करेंगे. किसी भी स्कूल के खिलाफ शिकायत मिलने की स्थिति में राज्य स्तरीय कमेटी तब ही जांच करेगी जब संबंधित स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के वास्तविक अभिभावक शिकायत करेंगे.
पढ़ें-महिला हॉकी टीम की हार पर वंदना कटारिया के घर के बाहर पटाखे फोड़ने वाले 3 युवक गिरफ्तार, केस दर्ज
गौरतलब है कि राज्य स्तरीय कमेटी में विभिन्न विभागों लोक निर्माण विभाग, वित्त सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहेंगे. वहीं, जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी होगी. ऐसे में किसी स्कूलों के खिलाफ शिकायत आने पर राज्य स्तरीय कमेटी सीए से ऑडिट कराएगी. यदि जांच में फीस वसूली के मामले में स्कूल की मनमर्जी सामने आती है, तो ऐसी स्थिति में ऑडिट का खर्च स्कूल को वहन करना होगा. यदि जांच में स्कूल के खिलाफ गड़बड़ी नहीं मिली तो ऑडिट पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी.