मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में ईस्टर पर्व का त्योहार काफी धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर मसूरी में इसाई समुदाय के लोगों ने ईसा मसीह के पुनः जीवित होने की खुशी में कैंडल मार्च निकाला. साथ ही मैथोडिस्ट चर्च में विषेश प्रार्थना भी की. ईसाई समुदाय के लोगों ने बताया कि यह दिन उनके लिए खुशी का दिन होता है.
फादर मनोज ने बताया की ईसाई धर्म के अनुसार जब यीशु को सूली पर लटकाया गया था तो उसके तीसरे दिन वह पुनर्जीवित हो गये थे. जिसके बाद से ही इस दिन को ईसाई ईस्टर दिवस और ईस्टर सन्डे के रूप से मनाते हैं. उन्होंने बताया कि गुडफ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था. ईस्टर से पहले आने वाले सप्ताह को पवित्र सप्ताह कहा जाता है.
इसाई समुदाय के प्रेम सिंह और नीरज बताते हैं कि ईस्टर-डे ईसाई धर्म का दूसरा सबसे बड़ा फेस्टिवल होता है. इसे रविवार को मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि यह दिन उनके लिए खुशी का दिन होता है, ईसाई इसे क्रिसमस की तरह सेलिब्रेट करते हैं. यह त्योहार जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.