देहरादून:ईस्ट होप टाउन चाय बागान की डीटीसी इंडिया कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहे मजूदरों के सामने अब रोटी-रोटी की संकट खड़ा होने लगा है. डीटीसी इंडिया कंपनी धीरे-धीरे मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा रही है. वहीं, मजदूरों का आरोप है कि ब्रिटिश काल से चल रही डीटीसी इंडिया कंपनी पुराने चाय बागानों की सैकड़ों एकड़ भूमि को धीरे-धीरे खुर्दबुर्द करने की तैयारी में है.
डीटीसी इंडिया कंपनी की मनमानी. डीटीसी इंडिया कंपनी के मजदूरों का आरोप है कि चाय बगानों को उजाड़कर उनसे सामने कंपनी ने रोज रोटी का संकट खड़ा कर दिया है. डीटीसी इंडिया कंपनी में आए दिन मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. मैनेजमेंट की जब मर्जी आती है वो किसी को भी निकाल देता है.
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एक मजदूर ने बताया कि बीते शनिवार वो काम पर गई थी, पूरा दिन उन्होंने फैक्ट्री में काम किया, लेकिन शाम को मैनेजमेंट ने बोल दिया कि कल से मत आना. जबकि, वो तीस सालों से इस कंपनी में काम कर रही है. मजदूरों का दर्द ये है कि यहीं से उनकी रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन अब कंपनी में उन्हें निकालना शुरू कर दिया है. इसीलिए उन्होंने अब अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.
इतना ही नहीं मजूदरों का आरोप है कि मैनेजमेंट साजिश के तहत स्थानीय मजदूरों को हटाकर बाहर से महंगे मजदूर ला रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय से कंपनी चाय बगानों को खत्म करने में जुटी हुई है.
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बता दें कि देहरादून का ईस्ट होप टाउन चाय बागान करीब 1133 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है. लेकिन टी स्टेट मजदूरों की मानें तो हाल फिलहाल में डीटीसी इंडिया कंपनी ने चाय बागान की 600 एकड़ से ज्यादा भूमि को खुर्दबुर्द कर दिया है, यानी वहां से चाय बागान को नष्ट कर दिया है. जिस पर खेती नहीं होती है. हालांकि, मजदूरों के इन आरोपों पर जब ईटीवी भारत ने कंपनी का पक्ष जानना जहां तो मैनेजमेंट की तरफ से किसी ने कोई बयान नहीं दिया. उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.