देहरादून: उत्तराखंड राज्य देश दुनिया में अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है. यहां हर साल लाखों पर्यटक दूर-दूर से देवभूमि में पहुंचते हैं. वहीं, युवाओं में नशाखोरी का क्रेज कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. नशे के कारोबारी युवा पीढ़ी को निशाना बनाकर नशे का कारोबार जोरों शोरों से कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश सरकार भले ही तमाम तरह के जागरुकता अभियान चला रही हो, लेकिन नशे का व्यापार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
प्रदेश के युवा लगातार नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. एक सर्वे के मुताबिक, प्रदेशभर में युवा नशे की जद में फंसते जा रहे हैं. साथ ही दून में तो हालत कुछ ज्यादा ही बदतर हैं. वर्तमान समय में देहरादून के अधिकांश स्टूडेंट नशे के आदी हो चुके हैं. राजधानी में पढ़ने वाले 15 फीसदी स्टूडेंट्स स्मैक और चरस के आदी हैं. वहीं, हर साल के आंकड़े जो सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. साल 2019 में अप्रैल महीने तक प्रदेश भर में 3 करोड़ 89 लाख 27 हजार 470 रुपये की नशीली खेप बरामद हुई है. वहीं, राजधानी देहरादून में सिर्फ 1 करो़ड़ 43 लाख 74 हजार 780 रुपये की नशे की खेप बरामद हुई है.
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