देहरादून:प्रदेश में कुछ साल पहले तक जीवनदायिनी के नाम से पहचान रखने वाली 108 एंबुलेंस सेवा आज मरीजों के लिए काल बनती दिख रही है. जिस 108 सेवा को घायल या मरीज कभी भगवान के रूप में देखते थे, वह 108 आज खुद भगवान भरोसे है. जिसका कारण यह है कि जो ड्राइवर शहर तक में ठीक तरह से गाड़ी नहीं चला पाते, उनके हाथों में पहाड़वासियों की जिंदगियों से खेलने का लाइसेंस थमा दिया गया है.
108 कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत. दरअसल, आज रविवार को देहरादून से रुद्रपुर जा रही एक 108 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसके बाद जब 108 एंबुलेंस वाहन चालक संगठन के वरिष्ठ सदस्य सुल्तान खान ने दुर्घटनाग्रस्त हुए वाहन के बारे में अपने सहयोगी से जानकारी ली तो बड़ा खुलासा हुआ. जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग Etv Bharat के पास है.
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ऑडियो में कर्मचारी खुद इस बात को स्वीकार रहे हैं कि एक अनट्रेंड ड्राइवर एम्बुलेंस को चला रहा था. ऑडियो के अनुसार ड्राइवर के लाइसेंस में जरूरी मानकों की भी कमी है. इसी के साथ ऑडियो में कर्मचारी बता रहा है कि अनट्रेंड ड्राइवर एम्बुलेंस चलाने से पहले भगवान का नाम लेकर वाहन चलाते हैं.
बता दें कि 108 सेवा अबतक GVK कंपनी के माध्यम से संचालित की जा रही थी. कई आरोप-प्रत्यारोप के बाद आखिरकार रेम्प नाम की नई कंपनी को 108 सेवा संचालन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है. लेकिन पुराने कर्मचारियों का आरोप है कि नई कंपनी भी पुरानी कम्पनी की तरह ही 108 एंबुलेंस सेवा में लापरवाही बरत रही है.
साथ ही 108 ड्राइवर संगठन के पदाधिकारियों द्वारा भी लगातार 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी से प्रशिक्षित वाहन चालकों की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं. कंपनी द्वारा चालक रखने में लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जो कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है.