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ऋषिकेश में 37 वर्ग किमी क्षेत्र में ड्रेनेज मास्टर प्लान को मंजूरी, 511 करोड़ की योजना

ऋषिकेश और शहर से सटे ग्रामीण इलाकों के लिए सीएम धामी ने 511 करोड़ के ड्रेनेज मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है. इसकी जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंपी है.

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Published : Jul 7, 2022, 12:22 PM IST

ऋषिकेश:तीर्थनगरी ऋषिकेश और शहर सटे ग्रामीण इलाकों में बरसात में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए राज्य की धामी सरकार ने बड़ी पहल की है. सरकार ने ड्रेनेज मास्टर प्लान योजना कई नगरीय इलाकों में लागू करने की घोषणा की है, जिसमें ऋषिकेश क्षेत्र को भी शामिल किया गया है. योजना के तहत नगर और सटे ग्रामीण इलाकों के 37 वर्ग किलोमीटर में करीब 511 करोड़ रुपए से आला दर्जे का ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया जाना है. प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन का जिम्मा सिंचाई विभाग को सौंपा गया है.

ड्रेनेज मास्टर प्लान योजना के बाबत बुधवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने स्वर्ण जंयती सभागार में बैठक कर जनप्रतिनिधियों से आवश्यक सुझाव लिए. इस दौरान अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के तहत तैयार फौरी कार्ययोजना से मेयर, पार्षदों और चिह्नित ग्रामीण इलाकों के जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया. शुरुआती बैठक में योजना पर पार्षदों ने कई सवाल खड़े करते हुए वार्ड-दर-वार्ड निरीक्षण कर जलभराव की समस्या के मुकम्मल निस्तारण के लिए सुझाव दिया.

ऋषिकेश में 37 वर्ग किमी क्षेत्र में ड्रेनेज मास्टर प्लान को मंजूरी.

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश चंद्र उनियाल ने बताया कि पार्षदों के सुझाव आए हैं. लिहाजा, अब योजना को तैयार करने से पहले सभी की राय के साथ स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा. बताया कि पार्षदों की आपत्तियों का निस्तारित करने के बाद ही योजना पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. मौके पर मेयर अनीता ममगाईं, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल, एनएच पीडब्ल्यूडी के अपर सहायक अभियंता क्षेत्रपाल, सहायक नगर आयुक्त बद्री प्रसाद भट्ट, पार्षद विकास तेवतिया, देवेंद्र प्रजापति, शिवकुमार गौतम, उमा राणा आदि मौजूद रहे.

योजना में शामिल गांव: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से ड्रेनेज मास्टर प्लान योजना की घोषणा की गई है. इसमें हरिद्वार के साथ देहरादून जिले के ऋषिकेश क्षेत्र को भी शामिल किया गया है. खास बात यह है कि सिर्फ नगरीय इलाका नहीं बल्कि सटे ग्रामीण इलाके भी योजना में चिह्नित किए गए हैं, जिनमें श्यामपुर, गुमानीवाला, भट्टोवाला, गढ़ी मयचक, खैरीकलां, खैरी खुर्द, खदरी खड़कमाफ और आमबाग विस्थापित क्षेत्र शामिल हैं.
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वहीं, महापौर अनीता ममगाई ने इस योजना के प्रजेंटेशन पर नक्शे पर नाराजगी जाहिर की है, उनका कहना है कि अधिकारियों को पता ही नहीं है कि पानी की ढलान किस ओर रहेगी. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों से वार्डों के विजिट का प्रस्ताव रखा है.

खदरी खड़कमाफ निवासी समाजसेवी शांति प्रसाद थपलियाल ने योजना को बेहतर बताते हुए खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि योजना ग्रामीण इलाकों के लिए बरसात में संजीवनी की तरह है. उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को चाहिए कि वह आज से ही गांव में योजना पर जमीनी काम शुरू करें. उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी.

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