देहरादून: पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती सप्ताह का रविवार को भव्य कार्यक्रम के साथ समापन किया. इस दौरान वक्ताओं ने राजेंद्र प्रसाद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजनीति में सिद्धांत, नैतिकता और सुचिता के पक्षधर थे साथ ही भारत के संविधान निर्माण के दौरान संविधान सभा के अध्यक्ष थे. ऐसे में उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.
दरअसल, राजेंद्र प्रसाद जयंती सप्ताह की शुरुआत बीते 3 दिसंबर को उनके जन्मदिवस से की गई, जिसमें रेलवे विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से देहरादून रेलवे स्टेशन पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसी क्रम में रविवार 8 दिसंबर को जयंती सप्ताह का समापन एक भव्य कार्यक्रम के साथ किया गया. इस दौरान स्कूली छात्रों ने भी अपने विचार रखे. वहीं कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद स्मृति पुरस्कार देने की शुरुआत की गई. रेलवे विभाग के अधिकारी संजय अमन को पहला राजेंद्र प्रसाद समृति सम्मान से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जो डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के जीवन मूल्यों में विश्वास रखते हों साथ ही अपने क्षेत्र में उन्हीं के जैसे नैतिकता और सुचिता के साथ जनता की सेवा कर रहे हों.
भारत के प्रथम राष्ट्रपति स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद के जीवन से जुड़े कुछ अंश