देहरादून: कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले इंसान ही मिसाल कायम करते हैं. कुछ ऐसी ही सीएमओ पद पर रह चुके डॉ. मनोज उप्रेती ने भी मिसाल कायम की है. डॉक्टर उप्रेती ने सीएमओ पद को छोड़कर मानव सेवा करना अपना प्रथम लक्ष्य बनाया है. वो भली भांति जानते हैं कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी किस कदर हावी है और लोगों को इलाज के लिए महंगे हॉस्पिटलों में भटकना पड़ता है. इसलिए उन्होंने फिर से रेडियोलॉजिस्ट बनकर लोगों की सेवा करने का मन बनाया है. जिसकी शुरुआत उन्होंने कर दी है.
मरीजों की सेवा करना चाहते हैं डॉक्टर मनोज उप्रेती: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय और दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति होने से सुदूरवर्ती क्षेत्रों से अल्ट्रासाउंड कराने आने वाले मरीजों की परेशानियां कम हो गई हैं. लंबे इंतजार के बाद राजधानी देहरादून के लोगों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि अब देहरादून के पूर्व सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती दून मेडिकल कॉलेज और पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में हफ्ते भर अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं. गौरतलब है कि देहरादून समेत अन्य मैदानी और पर्वतीय जिलों में रेडियोलॉजिस्ट का अभाव बना हुआ है. ऐसे में राजधानी देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ. मनोज उप्रेती ने बतौर रेडियोलॉजिस्ट मरीजों की सेवा करने की मंशा सरकार को जताई थी.
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मरीजों के लिए सीएमओ का पद ठुकराया: जिसके बाद उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से कार्यमुक्त करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय में परामर्शदाता पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है. अब हफ्ते में 3 दिन डॉक्टर उप्रेती दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में मरीजों का अल्ट्रासाउंड करेंगे. इसकी शुरुआत उन्होंने बृहस्पतिवार से कर दी है. इसमें सबसे अहम बात यह देखी गई है कि अपर निदेशक रैंक के डॉ. मनोज उप्रेती ने मरीजों की परेशानियों को देखते हुए सीएमओ पद को छोड़ने की अपनी मंशा सरकार को जताई थी.