देहरादून: जहां एक तरफ सड़क सुधार के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं तो वहीं सरकार की नाक के नीचे देहरादून शहर में एक सड़क जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग-72 का हिस्सा है, वो पिछले 8 सालों से चौड़ीकरण की राह देख रहा है. यही कारण है कि अबतक इस सड़क पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं.
आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल के बीच में पड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा नेशनल हाईवे-72 (NH) का हिस्सा है, जिस पर साल 2012 में सड़क चौड़ीकरण के लिए टेंडर किया गया था और तकरीबन 12 करोड़ की लागत से अमृत डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस सड़क के चौड़ीकरण का टेंडर लिया था. इस रोड में रिस्पना पुल से कारगी चौक तक का हिस्सा नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में पड़ता है, जहां पर लॉकडाउन साल (2020) में अबतक चार बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, कारगी चौक से आगे आईएसबीटी तक पटेल नगर थाना क्षेत्र में पड़ता है, यहां भी 6 दुर्घटनाएं इस साल दर्ज की गई हैं. कुल मिलाकर इस सड़क पर इस साल 10 दुर्घटनाएं हुई हैं और वो भी तब जब पूरा साल लॉकडाउन में निकला है. पिछले सालों में यहां दुर्घटनाएं इसकी दोगुनी तादाद में हुई हैं.
NH-72 से जुड़ी इस सड़क की स्थिति
पिछली सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओएसडी रहे और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले राजीव जैन ने बताया कि उस समय ठेकेदार ने बिडिंग से कम रेट पर इस रोड के चौड़ीकरण का ठेका लिया था, जिसके बाद वह न्यायालय चला गया. राजीव जैन का कहना है कि ठेकेदार के न्यायालय में जाने के बाद न तो विभागीय अधिकारियों ने इस सड़क की सुध ली और न ही सरकार की नजरें इस ओर पड़ी.
इस सड़क पर चंलने पर कांप जाती है रूह
देहरादून आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक के बीच में सड़क इतनी संकरी है कि इसपर चलते वक्त ये मुमकिन है कि आपको कोई न कोई दुर्घटनाग्रस्त वाहन दिख ही जाएगा. इस सड़क पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं, क्योंकि सड़क सिंगल लाइन की है और चौबीसों घंटे भारी वाहन यहां चलते हैं.