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पहाड़ों की रानी में 300 करोड़ की लागत से बनेगा रोप-वे, मसूरी को वैश्विक पटल पर मिलेगी नई पहचान

मसूरी-देहरादून के बीच की दूरी को कम करने के लिए रोप-वे बनने जा रहा है. जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कर दिया है. ईटीवी भारत के संवाददाता सुनील सोनकर ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सईद जुनैद अल्ताफ से इस रोप-वे से जुड़ी खास बातचीत कर कई अहम बातें जानी.

पहाड़ों की रानी में 300 करोड़ की लागत से बनेगा रोप-वे

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Published : Mar 7, 2019, 9:16 AM IST

मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में 300 करोड़ की लागत से रोप-वे बनने जा रहा है. देहरादून पुरकुल- मसूरी रोप-वे का कार्य संयुक्त रूप से फिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड और फ्रांस की कंपनी को सौंपा गया है. वहीं, इस रोप-वे का निर्माण करने वाली कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सईद जुनैद अल्ताफ से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की और जाना कि इस रोप-वे की क्या खासियत होगी.

ईटीवी भारत को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सईद जुनैद अल्ताफ ने खास बातचीत के दौरान बताया कि मसूरी में बनने वाले देहरादून पुरकुल- मसूरी रोप-वे की लंबाई करीब साढ़े पांच किलोमीटर होगी. ये रोप-वे 3 साल के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. साथ ही ये विश्व का पांचवा सबसे लंबा रोप-वे होगा, जो मोनो केबल पर संचालित किया जाएगा.

पहाड़ों की रानी में 300 करोड़ की लागत से बनेगा रोप-वे

सैयद जुनैद अल्ताफ ने बताया कि मसूरी रोप-वे बनने से पूरे उत्तराखंड को मिलेगा इसका लाभ मिलेगा. देश-विदेश से मसूरी पहुंचने वाले पर्यटकों को इस रोप-वे से काफी सुविधा मिलेगी. उन्होंने बताया कि रोप-वे के माध्यम से करीब 1200 लोग 1 घंटे में सैर कर पाएंगे. जबकि, इस रोप-वे की एक बोगी में 10 लोग की बैठने की व्यवस्था होगी. वहीं, एक दिन में करीब 11 से 12 हजार लोग रोप-वे से मसूरी-देहरादून आवाजाही कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि रोप-वे के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मोनो केबल टेक्नोलॉजी अपने आप में बहुत खास है. इस टेक्नोलॉजी से दुनिया के अन्य चार सबसे लंबी सड़क का निर्माण किया जा चुका है, इसके बनने से उत्तराखंड को वैश्विक पटल पर नई पहचान मिलेगी.

अल्ताफ ने बताया कि रोप-वे का निर्माण प्रदेश सरकार, फ्रांस की पूमा कंपनी और फिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रोप-वे निर्माण के लिए संबंधित विभागों से भी शीघ्र ले ली जाएगी और निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूमा फ्रांस कंपनी को रोप-वे निर्माण का 70 से 80 साल का अनुभव है. भारत में भी पिछले 30 सालों से कई रोप-वे का निर्माण इस कंपनी द्वारा किया जा चुका है.

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