मसूरीःपहाड़ों की रानी मसूरी में पिछले 160 सालों से लगातार निकाली जा रही भगवान श्रीकृष्ण की डोली (Doli of Lord Krishna taken out in Mussoorie) रविवार को निकाली गई. डोली में हजारों की संख्या में श्रद्वालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए उमड़ पड़े. श्री सनातन धर्म मंदिर सभा द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की डोली (Doli taken out by Shri Sanatan Dharma Mandir Sabha) धूमधाम से निकाली गई. इस मौके पर हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर जौनपुर, जौनसार, टिहरी, देहरादून आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. वहीं, भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
मसूरी में धूमधाम से निकाली गई भगवान श्रीकृष्ण की डोली, 160 सालों से चली आ रही प्रथा - Doli of Lord Shri Krishna
मसूरी में 160 सालों से निकाली जा रही ऐतिसाहिक भगवान श्रीकृष्ण की डोली यात्रा संपन्न हुई. यह डोली हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाले पहले रविवार की संध्या पर निकाली जाती है. डोली में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. पिछले 2 साल से कोरोना के कारण डोली नहीं निकाली जा रही थी.
मालरोड पर बैंड बाजे और पारंपरिक ढोल दमाऊ के साथ कन्हैया की दर्जनभर आकर्षक झांकियां निकाली गई, जो लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी रही. श्रीकृष्ण की डोली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. वहीं, इससे पूर्व मसूरी सनातन धर्म मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की डोली की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. इसके बाद डोली नगर भ्रमण के लिए निकली. बैंड बाजों एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ निकली डोली लंढौर बाजार, मलिंगार, कुलड़ी मालरोड होते हुए गांधी चौक तक गई. वहां से वापस मंदिर पहुंची.
शोभा यात्रा में जहां सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के छात्र वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर चल रहे थे. वहीं, सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज का बैंड मधुर धुनें प्रस्तुत कर रहा था. इस बार पहली बार हुआ कि मसूरी लंढौर बाजार में पटरी व्यापारियों को नहीं बैठने दिया गया. मसूरी के स्थानीय निवासियों ने कहा कि पिछले 160 सालों से जन्माष्टमी के बादे आने वाले पहले रविवार को कन्हैया कि डोली निकाली जाती है. इसमें मसूरी सहित आसपास के क्षेत्र के गांवों के लोग बड़ी संख्या में शिरकत कर भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेते हैं.