डोईवाला:डोईवाला सीएचसी को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के अंतर्गत पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. 4 साल बीत जाने के बावजूद भी सीएचसी में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि सीएचसी में एक भी डॉक्टर की स्थायी तैनाती नहीं है. जिससे स्थानीय लोगों में खासा रोष है. वहीं डोईवाला की जनता ने अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रखा है..
डोईवाला सीएचसी बना रेफर सेंटर. जानकारी के मुताबिक सीएचसी को पीपीपी मोड में दिए जाने के बाद हिमालयन अस्पताल से रोज अलग-अलग डॉक्टर मरीजों को देखते हैं. सीएचसी में हर दिन 500 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं.
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सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व बीडीसी सदस्य भारत भूषण का कहना है कि सैकड़ों की तादाद में लोग इलाज के लिए सीएचसी में आते हैं. लेकिन ना तो अस्पताल में सीनियर डॉक्टर हैं, और ना ही अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हैं. हफ्ते में एक दिन अल्ट्रासाउंड किया जाता है. छोटे-छोटे इलाज के लिए भी मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है.
स्थानीय निवासी गुरेन्द्र सिंह का कहना है कि पीपीपी मोड पर अनुबंध के मुताबिक डोईवाला अस्पताल में कई सीनियर डॉक्टरों की तैनाती की बात कही गई थी, लेकिन आज तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पाई है. लेकिन अस्पताल में जूनियर डॉक्टर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जिससे अस्पताल मात्र एक रेफर सेंटर बन गया है. जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है.