देहरादून/ नैनीतालःकोरोना महामारी पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है. देश में भी कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है. उत्तराखंड में हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है. इस बीच प्रदेशवासियों पर एक और महासंकट गहरा गया है. मामला प्रदेशभर के डॉक्टरों से जुड़ा है. डॉक्टर लंबे समय से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मुखर हैं. अब वे एक सप्ताह के लिए काला फीता बांधकर सांकेतिक हड़ताल पर हैं. उन्होंने साफ लफ्जों में चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो वे सामूहिक हड़ताल पर चले जाएंगे. ऐसे में कोरोना संकट के बीच इलाज करने वाले मसीहाओं का यूं रूठ जाना सरकार और जनता के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.
देहरादून में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के चिकित्सक लामबंद हो गए हैं. संघ से जुड़े चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. संघ के महासचिव डॉक्टर मनोज वर्मा का कहना है कि मांगों को लेकर संघ अपने फैसले पर अडिग है. उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को संघ शासन स्तर पर सचिव स्वास्थ्य मांगों को लेकर मुलाकात करेगा. यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं होता है तो उनका आंदोलन जारी रहेगा.
इसी कड़ी में 8 सितंबर को डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा देकर अपनी मांगों का समर्थन करेंगे. मनोज वर्मा ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में फ्रंट लाइन पर काम कर रहे डॉक्टरों से प्रति माह 1 दिन का वेतन काटा जा रहा है जो अनुचित है. वहीं अस्पताल में प्रशासनिक हस्तक्षेप और पीजी कर रहे डॉक्टरों को पूरा वेतन दिया जाना चाहिए.