देहरादून:उत्तराखंड में इस महीने चारधाम यात्रा की शुरू होने जा रही है. ऐसे में सरकार ने पिछले अनुभवों के आधार पर यात्रा रूटों पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने इस बार की चारधाम यात्रा व्यवस्था में स्वास्थ्य महकमे के साथ ही राजकीय और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं लेने का फैसला लिया है. वहीं यात्रा मार्गों पर डॉक्टरों की तैनाती को लेकर दून मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कवायद शुरू कर दी है.
चारधाम यात्रा की तैयारियां तेज, रूटों पर स्वेच्छा से सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को किया जाएगा तैनात
प्रदेश में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. यात्रा रूट पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग इस बार राजकीय और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों से सहयोग लेगा. मार्ग पर स्वेच्छा से सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को तैनात किया जाएगा. जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके.
दून मेडिकल कॉलेज उन डॉक्टरों को चारधाम यात्रा रूटों पर तैनात करेगा, जो डॉक्टर वहां अपनी स्वेच्छा से सेवाएं देने को तैयार हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है इस माह यात्रा शुरू होने जा रही है, जो राज्य के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. उन्होंने कहा कि यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाएं की जा रही हैं. कहा कि प्रदेश में इस समय चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा चार मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेजों पर मरीजों का इलाज करने के साथ ही पठन-पाठन का भी दायित्व होता है.
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ऐसे में चिकित्सा शिक्षा निदेशक होने के नाते उन्होंने यात्रा को लेकर सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से यह सूचना मांगी है कि जो भी डॉक्टर अपनी इच्छानुसार चारधाम यात्रा में सेवाएं देना चाहते हैं, उनके नाम भेजे जाएं. कुछ चिकित्सकों ने यात्रा ड्यूटी के लिए इच्छा भी जताई है. उन्होंने बताया कि इस बार दून मेडिकल कॉलेज से भी फिजिशियन यात्रा ड्यूटी में तैनात किए जाएंगे. गौरतलब है कि 22 अप्रैल से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा में सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मजबूत ढांचा तैयार कर रही है. सरकार की मंशा है कि इस बार पिछले अनुभवों के आधार पर यात्रा मार्गों पर आने वाले तीर्थयात्रियों को तुरंत ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए सरकार ने राजकीय और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं लेने का भी फैसला किया है. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से सूचना मांगी है.