देहरादून: जिलाधिकारी (District Magistrate) आशीष श्रीवास्तव ने श्रम विभाग (Labour Department) और टास्क फोर्स समिति (Task Force Committee) के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिये बैठक की. दोनों विभागों द्वारा काम करने में लापरवाही बरतने को लेकर डीएम ने अपनी नाराजगी जाहिर की और सख्त चेतावनी भी दी.
दरअसल, श्रम विभाग और टास्क फोर्स समिति भिक्षावृति, बाल श्रम, कूड़ा बीनने, नशाखोरी इत्यादि में शामिल बच्चों की ट्रैकिंग, आइडेंटिफिकेशन, शिक्षा, पुनर्वास का काम करती है. साथ ही इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई भी करती है. लेकिन दोनों विभाग इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं. जिससे नाराज डीएम ने उन्हें सख्त लहजे में चेतावनी दी है.
ये भी पढ़ें:केदारपुरी में DDMA ने उदक कुंड का किया जीर्णोद्धार, 2013 की आपदा में मिट गया था नामोनिशान
दोनों विभागों के अधिकारियों को डीएम आशीष श्रीवास्तव ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि सभी अपनी कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार लाएं. उन्होंने कहा कि बच्चों के कल्याण से संबंधित कार्य में आगे से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही सहायक श्रम आयुक्त (Assistant Labor Commissioner) और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बैठक में अनुपस्थित रहने और पूर्व में दिए निर्देशों पर कार्रवाई नहीं करने के चलते स्पष्टीकरण के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें: नेतृत्वहीन कांग्रेस को खुद में आत्ममंथन की जरूरत: राज्यवर्धन सिंह राठौड़
बता दें कि जिलाधिकारी ने पूर्व में हुई बैठक में निर्देश दिए थे कि जो बच्चे कूड़ा बीनने, नशाखोरी और बाल श्रम में शामिल पाए जाते हैं, उनको ठीक तरह से आइडेंटिफाई करते हुए आवश्यकतानुसार संबंधित विभाग उनकी चिकित्सा, शिक्षा और स्वरोजगार स्किल्ड में कार्रवाई करेंगे. बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने और बाल श्रम करवाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई करेंगे. जिस पर समिति द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है.
ये भी पढ़ें:हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम
जिलाधिकारी ने गोद में छोटा बच्चा लिए भिक्षावृत्ति करती पाई जाने वाली महिलाओं और उसके बच्चे का सत्यापन करवाने के पुलिस को निर्देश दिए हैं. सत्यापन करने में मां बच्चे का DNA भी करने को कहा गया है. जिससे ये पता चले कि बच्चा उसी महिला का है या नहीं. अगर वह बच्चा उस महिला का नहीं पाया जाता है, तो संबंधित महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही पूर्व में दिये गये निर्देशों को कमेटी से एक सप्ताह के भीतर पूरा करने को कहा है.
ये भी पढ़ें: 10 हजार लोगों को किया जाएगा शिक्षित, उच्च शिक्षा मंत्री ने ब्लूप्रिंट तैयार करने के दिए निर्देश
वहीं, डीएम आशीष श्रीवास्तव ने कोविड-19 के दौरान अनाथ और बेसहारा हुए बच्चों को बाल तस्करी और किसी भी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए SP ट्रैफिक को भी निर्देश दिये हैं. डीएम ने SP ट्रैफिक को निर्देशित किया है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी से ऐसे बच्चों की लिस्ट प्राप्त करते हुए प्रत्येक सप्ताह बीट स्तर के कॉन्स्टेबल को ऐसे बच्चों के रहने वाले स्थान या आवास का विजिट करें. ताकि जानकारी मिल सके कि ये बच्चे ठीक हालत में हैं और इनके साथ किसी भी प्रकार का कोई अत्याचार या फिर दुर्व्यवहार तो नहीं हो रहा है.
यदि ऐसा लगता है कि किसी बच्चे के साथ संबंधित अभिभावक और निकट संबंधी ठीक से व्यवहार नहीं करते हैं या फिर बच्चा किसी भी तरह से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ित हो रहा है, तो उसकी सूचना तत्काल जिला प्रोबेशन अधिकारी को दी जाए. ऐसे बच्चों को शिशु और बाल सदन या फिर बाल पुनर्वास केंद्रों पर रखा जा सके. जहां उनकी शिक्षा, चिकित्सा और काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाएगी.