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Exclusive: तो क्या इसलिए हटाए गए देहरादून DM और SSP? द्रौपदी मुर्मू से जुड़ा है मामला

कुछ दिनों पहले देहरादून जिला अधिकारी और एसएसपी को एक साथ हटाया गया था. अब इस मामले में ये खबरें सामने आ रही हैं कि कुछ दिनों पहले द्रौपदी मुर्मू के देहरादून दौरे के दौरान कुछ खामियां सामने आई थीं. साथ ही प्रोटोकॉल से जुड़ा कुछ मामला सामने आया था, जिसके बाद दोनों को हटाया गया. जानिए पूरा मामला.

Cracks during Draupadi Murmus Dehradun tour
क्यों हटाये गये देहरादून के डीएम और एसएसपी?

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Published : Jul 22, 2022, 4:06 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 4:19 PM IST

देहरादून: एनडीए की राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहते हुए द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा व्यवस्थाओं में क्या चूक हुई थी? क्या प्रोटोकॉल के तहत बड़ी खामियां सामने आई थीं? इसकी वजह से देहरादून के एसएसपी और जिलाधिकारी को हटाया गया. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब दोनों ही अधिकारियों के द्वारा जो पत्र प्रोटोकॉल सचिव को लिखा गया है उसमें अंकित सभी बिंदु यह दर्शा रहे हैं कि इस बाबत दोनों अधिकारियों से जवाब मांगा गया था.

दरअसल, 11 जुलाई को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देहरादून पहुंची थीं. दिल्ली से उड़ान भरने के बाद वो देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंची. तब उनके साथ एक केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे. प्रोटोकॉल के तहत उन्हें वीआईपी लाउंज तक जाने के लिए एक गाड़ी की व्यवस्था प्रशासन को करनी थी. जिसके लिए एसडीएम डोईवाला को भी आदेशित किया गया था. बाद में यह बात सामने आई कि गाड़ी की व्यवस्था एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा की गई है. जैसे ही उनका आगमन देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर हुआ वैसे ही उनके लिए जिस महिंद्रा जायलो की व्यवस्था की गई थी वो वहां पर नहीं पहुंची. बाद में उन्हें बोलेरो गाड़ी से भेजा गया. इस बात से द्रौपदी मुर्मू के साथ आए लोग बेहद नाराज नजर आये. यह बात उच्च अधिकारियों और सरकार तक भी पहुंची.
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एनडीए की उम्मीदवार के प्रोटोकॉल में बरती गई खामियों से नाराज प्रोटोकॉल सचिव ने इस बाबत जवाब तलब किया तो मालूम हुआ कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार और डीआईजी जन्मेजय खंडूड़ी ने इस बाबत एयरपोर्ट के अधिकारियों से बातचीत की थी. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने पार्किंग एरिया तक बाहर की किसी भी गाड़ी को एंट्री देने से मना कर दिया था. दोनों ही अधिकारियों ने अपने पत्र में इस बात को साफ स्पष्ट किया है कि प्रशासन द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी से बात की गई थी.
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हालांकि सूत्रों की मानें को वो तब सिर्फ उम्मीदवार थीं, इस लिहाज से कोई भी संवैधानिक पद उनके पास नहीं था. ऐसे में जिला प्रशासन प्रोटोकॉल के तहत उन्हें कोई भी व्यवस्था कराने के लिए बाध्य नहीं था. बावजूद इसके क्योंकि केंद्रीय मंत्री और तमाम लोग भी उनके साथ थे ऐसे में व्यवस्थाएं की गई थीं.
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इस पूरी घटना के सामने आने के बाद 16 जुलाई को दोनों ही अधिकारियों को राजधानी से हटाकर अलग-अलग जगहों पर भेजा गया. जन्मेजय खंडूड़ी को जहां पीएसी में तैनात किया गया है, वहीं राजेश कुमार को स्वास्थ्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है. इस पूरे मामले पर जब हमने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा को फोन मिलाया तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि एयरपोर्ट के अधिकारी पहले भी प्रशासन की गाड़ियों को वीआईपी गेस्ट के लिए अंदर आने से रोक चुके हैं.

Last Updated : Jul 22, 2022, 4:19 PM IST

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